इज़राइल-हामास में युद्धविराम की पहली चरण योजना पर सहमति; अमेरिकी सांसदों ने ट्रम्प से भारत पर शुल्क हटाने की अपील की
इज़राइल-हामास ने युद्धविराम की पहली चरण योजना पर सहमति दी। अमेरिकी सांसदों ने ट्रम्प से भारत पर व्यापार शुल्क हटाने और द्विपक्षीय संबंध सुधारने का आग्रह किया।
इज़राइल और हामास ने लंबे समय से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए एक ‘पहले चरण’ के समझौते पर सहमति जताई है। इस चरण के तहत संघर्षविराम लागू करने, बंधकों की रिहाई और इज़राइली बलों की सीमित वापसी पर सहमति बनी है। यह समझौता अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के प्रयासों का परिणाम बताया जा रहा है।
समझौते के अनुसार, हामास अपने नियंत्रण में रखे गए जीवित बंधकों को रिहा करेगा, जबकि इज़राइल कुछ फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा। इसके अलावा, गाज़ा क्षेत्र में मानवीय सहायता को निर्बाध रूप से पहुँचाने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, दोनों पक्षों के बीच अभी भी कई मुद्दे—जैसे हामास का सैन्य नियंत्रण और युद्ध के बाद प्रशासन की भूमिका—अभी तक पूरी तरह सुलझे नहीं हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता यदि सफल रहा तो मध्य पूर्व में स्थायी शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
इसी बीच, अमेरिका में 21 सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से अपील की है कि वे भारत पर लगाए गए व्यापार शुल्कों को समाप्त करें। सांसदों ने पत्र में लिखा कि भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों को सुधारना दोनों देशों के हित में है। उनका कहना है कि वर्तमान शुल्क नीतियाँ अमेरिकी उपभोक्ताओं और उद्योगों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही हैं और भारत को चीन तथा रूस के करीब धकेल सकती हैं।
और पढ़ें: फेंटानिल व्यापार से जुड़े भारतीय व्यापारियों के वीजा रद्द : अमेरिकी दूतावास
सांसदों ने यह भी कहा कि व्यापार सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करने से दोनों देशों की आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षित होगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी स्थिरता मिलेगी। उन्होंने ट्रम्प प्रशासन से आग्रह किया कि भारत के साथ संबंधों को “रीसेट” करने और सहयोग की नई शुरुआत के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
और पढ़ें: एशियाई आयात पर मेक्सिको के नए टैरिफ, अमेरिकी दबाव का जवाब देने की कोशिश