कोई विजेता नहीं: कोसोवो के मध्यावधि चुनाव से राजनीतिक गतिरोध खत्म होने की संभावना कम
कोसोवो में 28 दिसंबर को होने वाले मध्यावधि चुनाव से राजनीतिक संकट खत्म होने की उम्मीद कम है, क्योंकि किसी भी पार्टी के स्पष्ट बहुमत में आने की संभावना नहीं दिख रही।
यूरोप के सबसे नए देश कोसोवो में रविवार (28 दिसंबर 2025) को होने वाले मध्यावधि चुनाव से पहले ही विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि यह मतदान देश को लगभग एक साल से जकड़े राजनीतिक संकट को समाप्त नहीं कर पाएगा। फरवरी में हुए पिछले चुनावों के बाद से कोसोवो राजनीतिक गतिरोध में फंसा हुआ है, क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री अल्बिन कुर्ती की वेतेवेंदोसे (VV) पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत हासिल नहीं कर सकी थी।
संसद में महीनों तक चली खींचतान के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री कुर्ती एक बार फिर जनता के बीच जा रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि इस चुनाव के नतीजे भी पहले जैसे ही हो सकते हैं। अर्थशास्त्री मेहमत ग्जाता ने कहा कि 28 दिसंबर के चुनाव से कोई स्पष्ट समाधान निकलने की संभावना नहीं है और संभव है कि कुर्ती की पार्टी एक बार फिर सबसे आगे रहे, लेकिन बहुमत से दूर।
राजनीतिक विश्लेषक फातिमा हाजदारी ने भी माना कि VV को सबसे अधिक वोट मिलने की संभावना है, लेकिन बाकी तस्वीर अभी भी धुंधली है। अल्बिन कुर्ती, जिन्हें कभी उनके उग्र अतीत के कारण “कोसोवो का चे ग्वेरा” कहा जाता था, देश के सबसे प्रभावशाली नेताओं में गिने जाते हैं। 2021 में उनकी पार्टी ने 50 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।
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हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार VV को 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिलना मुश्किल है, जिससे एक बार फिर त्रिशंकु संसद बनने की आशंका है। प्रमुख विपक्षी दलों ने कुर्ती के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया है, जिससे राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ सकती है।
सरकार न बनने के कारण कई अंतरराष्ट्रीय समझौते अटके हुए हैं और सैकड़ों मिलियन यूरो की सहायता राशि खतरे में पड़ गई है। लगातार चुनावों और प्रशासनिक ठहराव से कोसोवो की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। विश्लेषकों का कहना है कि देश को विकास और जनकल्याण पर ध्यान देने के लिए एक स्थिर और प्रभावी सरकार की सख्त जरूरत है।
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