ट्रम्प के पनडुब्बी आदेश के बाद परमाणु बयानबाज़ी पर सतर्कता बरतने की सलाह: क्रेमलिन
क्रेमलिन ने ट्रम्प के पनडुब्बी आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि परमाणु बयानबाज़ी में सभी को बेहद सतर्क रहना चाहिए। रूस ने विवाद में शामिल होने से इनकार किया।
रूस के क्रेमलिन ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हालिया पनडुब्बी संबंधी आदेश के बाद परमाणु बयानबाज़ी में सतर्कता बरतने की सलाह दी है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हम इस विवाद में शामिल नहीं होना चाहते और न ही इस पर किसी तरह की टिप्पणी करना चाहते हैं। बेशक, हमारा मानना है कि सभी को परमाणु बयानबाज़ी में बेहद सतर्क रहना चाहिए।”
यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रम्प द्वारा परमाणु पनडुब्बियों के उपयोग से जुड़ा आदेश और बयानबाज़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के बयान परमाणु हथियारों से जुड़े तनाव को और बढ़ा सकते हैं।
क्रेमलिन ने स्पष्ट किया कि रूस इस विवाद में सीधे तौर पर शामिल नहीं होना चाहता, लेकिन उसने वैश्विक नेताओं से अपील की है कि परमाणु हथियारों से जुड़े किसी भी प्रकार के बयान को अत्यधिक सावधानी के साथ दिया जाए, ताकि अनावश्यक तनाव और गलतफहमियों से बचा जा सके।
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रूस लंबे समय से परमाणु हथियारों से संबंधित अंतरराष्ट्रीय समझौतों और सुरक्षा उपायों का समर्थन करता रहा है। पेस्कोव ने कहा कि इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर राजनीतिक लाभ के लिए बयानबाज़ी करना खतरनाक हो सकता है और इससे वैश्विक स्थिरता प्रभावित हो सकती है।
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना के बाद अमेरिका और रूस समेत परमाणु हथियार रखने वाले देशों को संवाद बढ़ाने और पारदर्शिता बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार के टकराव को रोका जा सके।
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