हिंसा के बाद पटरी पर लौटी लद्दाख वार्ता, 22 अक्टूबर से फिर शुरू होंगी बातचीत
लेह हिंसा के बाद लद्दाख के संगठनों ने केंद्र से बातचीत फिर शुरू करने पर सहमति दी। 22 अक्टूबर को वार्ता होगी, न्यायिक जांच के आदेश के बाद गतिरोध टूटा।
24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा के बाद ठप पड़ी लद्दाख वार्ता अब एक बार फिर शुरू होने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा न्यायिक जांच के आदेश जारी किए जाने के कुछ दिनों बाद लद्दाख के नागरिक संगठनों ने केंद्र के साथ 22 अक्टूबर से बातचीत फिर शुरू करने पर सहमति जताई है।
लेह में 24 सितंबर को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। पुलिस की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद लेह की ‘एपेक्स बॉडी’ (ABL) और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (KDA) ने केंद्र के साथ 6 अक्टूबर को प्रस्तावित वार्ता से अपना नाम वापस ले लिया था। दोनों संगठनों ने साफ कहा था कि वे तब तक बातचीत नहीं करेंगे जब तक गोलीकांड की स्वतंत्र न्यायिक जांच की घोषणा नहीं की जाती।
अब गृह मंत्रालय द्वारा न्यायिक जांच के आदेश दिए जाने के बाद दोनों संगठनों ने केंद्र से बातचीत के लिए सहमति दी है। बताया जा रहा है कि 22 अक्टूबर को लद्दाख के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से नई दिल्ली में होगी।
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यह वार्ता लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने और स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने जैसी प्रमुख मांगों पर केंद्रित होगी।
इस बीच, जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की एनएसए के तहत गिरफ्तारी ने स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ा दिया था, जिसके चलते क्षेत्र में तनाव बढ़ गया था। अब न्यायिक जांच और वार्ता की बहाली को लेकर लोगों में उम्मीद की नई किरण जगी है।
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