महाराष्ट्र में अब प्रवेश के साथ ही छात्रवृत्ति की प्रक्रिया स्वतः शुरू होगी, सरकार ला रही एकीकृत प्रणाली
महाराष्ट्र सरकार अगले शैक्षणिक वर्ष से ऐसी प्रणाली शुरू करेगी जिसमें प्रवेश दस्तावेज़ स्वतः ‘महा डीबीटी’ पोर्टल से जुड़ जाएंगे, जिससे छात्रवृत्ति तुरंत जारी होगी।
महाराष्ट्र सरकार के उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग ने छात्रों के लिए एक बड़ी सुविधा की घोषणा की है। अब छात्रों को अलग से छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। विभाग एक एकीकृत डिजिटल प्रणाली विकसित कर रहा है, जिसके तहत प्रवेश के समय जमा किए गए दस्तावेज़ स्वतः ‘महा डीबीटी पोर्टल’ पर पहुंच जाएंगे — यह वही पोर्टल है जिसके माध्यम से राज्य सरकार छात्रवृत्ति राशि वितरित करती है।
इस नई व्यवस्था के तहत प्रवेश प्रक्रिया में जमा किए गए प्रमाणपत्र और व्यक्तिगत विवरण छात्रवृत्ति आवेदन के लिए स्वतः उपयोग किए जाएंगे। फिलहाल, छात्रों को पहले प्रवेश के दौरान और फिर छात्रवृत्ति के लिए बार-बार वही दस्तावेज़ जमा करने पड़ते हैं, जिससे प्रक्रिया में देरी होती है।
राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने 29 अक्टूबर को घोषणा की कि यह नई प्रणाली अगले शैक्षणिक वर्ष से लागू होगी। इससे पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति राशि तेजी से और समय पर मिलेगी।
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तकनीकी शिक्षा निदेशालय (DTE) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह एकीकृत प्रणाली न केवल प्रक्रिया को सरल बनाएगी बल्कि समय और श्रम दोनों की बचत करेगी। पहले वर्ष में प्रवेश के समय छात्रवृत्ति स्वचालित रूप से शुरू होगी, जबकि अगले वर्ष जारी रखने के लिए छात्रों को केवल पिछले वर्ष के परिणाम और उपस्थिति रिकॉर्ड देने होंगे।
राज्य सरकार वर्तमान में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), अल्पसंख्यक समुदायों और लड़कियों के लिए विभिन्न छात्रवृत्ति और शुल्क माफी योजनाएं चला रही है।
अधिकारी के अनुसार, लगभग 70% छात्र किसी न किसी योजना का लाभ लेते हैं, जिससे राज्य सरकार पर प्रतिवर्ष लगभग ₹8,000 करोड़ का खर्च आता है। नई प्रणाली से दोहराव खत्म होगा और शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत से ही लाभ वितरण शुरू हो सकेगा।
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