नई शोध में भावनाओं की शुरुआत के समय मस्तिष्क की कार्यप्रणाली का खुलासा
साइंस पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क के उन गतिविधि पैटर्न का मानचित्रण किया है जो भावनाओं की शुरुआत में सक्रिय होते हैं, जिससे भावनाओं की उत्पत्ति समझने में मदद मिलेगी।
हमारे अस्तित्व के लिए भावनाएं जितनी बुनियादी हैं, वैज्ञानिक अब भी यह पूरी तरह नहीं समझ पाए हैं कि मस्तिष्क में ये कैसे उत्पन्न होती हैं। लेकिन अब एक नई और व्यापक शोध ने इस रहस्य को सुलझाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।
हाल ही में जर्नल ‘साइंस’ में प्रकाशित इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क की गतिविधियों का एक विस्तृत मानचित्र तैयार किया है, जिसमें यह दिखाया गया है कि जब कोई भावना पहली बार उत्पन्न होती है, तो मस्तिष्क के कौन-कौन से हिस्से सक्रिय होते हैं।
शोधकर्ताओं ने उन्नत न्यूरोइमेजिंग तकनीकों और डेटा विश्लेषण के माध्यम से यह पता लगाया कि मस्तिष्क में भावनाओं को ट्रिगर करने वाले पैटर्न वास्तव में पूरे मस्तिष्क में फैले होते हैं, न कि केवल किसी एक विशेष क्षेत्र में। इसका मतलब है कि भावनाओं की उत्पत्ति एक जटिल, मस्तिष्क-व्यापी प्रक्रिया है जिसमें कई न्यूरल नेटवर्क एक साथ काम करते हैं।
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इस अध्ययन से पहले यह माना जाता था कि भय, खुशी, गुस्सा जैसी भावनाएं मुख्य रूप से मस्तिष्क के विशेष हिस्सों, जैसे अमिगडाला या प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स, में उत्पन्न होती हैं। लेकिन नए निष्कर्ष बताते हैं कि इन भावनाओं के जन्म में कई क्षेत्रों का समन्वित योगदान होता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह शोध मानसिक स्वास्थ्य, मनोवैज्ञानिक विकारों और भावनाओं से जुड़े न्यूरोलॉजिकल रोगों के इलाज में नई राह खोल सकता है। खासकर, यह जानकारी डिप्रेशन, PTSD और एंग्जायटी जैसे विकारों के इलाज को अधिक सटीक और व्यक्तिगत बनाने में मददगार हो सकती है।
शोध दल का कहना है कि यह तो केवल शुरुआत है। आने वाले वर्षों में और गहन अध्ययन से हम न केवल भावनाओं की जैविक जड़ों को समझ पाएंगे, बल्कि उन्हें नियंत्रित और प्रबंधित करने के नए तरीके भी खोज सकेंगे।
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