×
 

मैं तुष्टीकरण नहीं करती, सच्चे अर्थों में धर्मनिरपेक्ष हूं: ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने तुष्टीकरण के आरोप खारिज करते हुए कहा कि वह सच्चे अर्थों में धर्मनिरपेक्ष हैं। उन्होंने एसआईआर प्रक्रिया में उत्पीड़न और जानमाल के नुकसान पर भी चिंता जताई।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार (29 दिसंबर, 2025) को तुष्टीकरण के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह “सच्चे अर्थों में धर्मनिरपेक्ष” हैं और बिना किसी भेदभाव के सभी धर्मों के कार्यक्रमों में भाग लेती हैं। वह कोलकाता के न्यू टाउन में देवी दुर्गा को समर्पित सांस्कृतिक परिसर ‘दुर्गा आंगन’ के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रही थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “लोग मुझ पर तुष्टीकरण करने का आरोप लगाते हैं, लेकिन यह बिल्कुल गलत है। मैं सच्चे अर्थों में धर्मनिरपेक्ष हूं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि वह सभी धर्मों के आयोजनों में समान रूप से शामिल होती हैं और किसी एक समुदाय का पक्ष नहीं लेतीं।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि जब वह गुरुद्वारे जाती हैं तो कोई सवाल नहीं उठता, लेकिन ईद के कार्यक्रम में शामिल होने पर आलोचना शुरू हो जाती है। “जब मैं गुरुद्वारे जाती हूं, तब आप कुछ नहीं कहते, लेकिन जैसे ही मैं ईद के कार्यक्रम में जाती हूं, आलोचना होने लगती है”।

और पढ़ें: अब वो इंसान नहीं जिसे मैं जानता था: ममता बनर्जी पर तृणमूल के पूर्व नेता हुमायूं कबीर का हमला

ममता बनर्जी ने इस दौरान विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया के दौरान आम लोगों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है और इससे जानमाल का नुकसान भी हुआ है। मुख्यमंत्री का दावा था कि पिछले एक महीने में एसआईआर प्रक्रिया के दौरान 50 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

उन्होंने कहा, “लोगों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। हम जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे और इसके लिए अपना जीवन तक देने को तैयार हैं।” ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार हमेशा लोकतंत्र, समानता और सामाजिक सौहार्द के मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।

और पढ़ें: पश्चिम बंगाल में मतदाता पुनरीक्षण में गंभीर त्रुटियां, चुनाव आयोग पर ममता बनर्जी का आरोप

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share