मैनचेस्टर सिनेगॉग हमला: पुलिस ने हमलावर की पहचान की
मैनचेस्टर के सिनेगॉग पर जिहाद अल-शामी ने हमला कर दो लोगों की हत्या और तीन को घायल किया। पुलिस ने घटना को आतंकी वारदात घोषित किया, तीन और गिरफ्तारियां हुईं, सुरक्षा और साम्प्रदायिक तनाव पर गंभीर प्रश्न उठे।
मैनचेस्टर में एक सिनेगॉग पर हुए हमले ने पूरे ब्रिटेन को झकझोर दिया है। इस हमले में दो यहूदी श्रद्धालुओं की मौत हो गई और तीन लोग घायल हुए। पुलिस ने हमलावर की पहचान जिहाद अल-शामी के रूप में की है। यह घटना यहूदी पर्व यॉम किप्पुर के दौरान हुई, जिसे समुदाय का सबसे पवित्र दिन माना जाता है।
तथ्यों के अनुसार, 35 वर्षीय अल-शामी ब्रिटेन का नागरिक था और उसकी जड़ें सीरिया से जुड़ी थीं। पुलिस की जानकारी के अनुसार, उसने पहले अपनी कार को सिनेगॉग के बाहर मौजूद लोगों पर चढ़ा दिया और इसके बाद राहगीरों पर चाकू से हमला किया। पुलिस ने मौके पर ही उसे गोली मार दी। हमले की गंभीरता को देखते हुए ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस ने इसे “आतंकी वारदात” घोषित किया है।
घटना के बाद तीन अन्य संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर कीर स्टार्मर ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि यहूदी समुदाय को डर और हिंसा में नहीं जीना चाहिए। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई और सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया। स्थानीय यहूदी संगठनों ने भी सरकार से अपील की है कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को और मज़बूत किया जाए।
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इस हमले के संभावित प्रभाव गहरे हो सकते हैं। एक ओर यह ब्रिटेन में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करता है, वहीं दूसरी ओर समाज में कट्टरपंथ और नफ़रत की बढ़ती चुनौतियों को भी उजागर करता है। इससे यह आशंका बढ़ी है कि भविष्य में धार्मिक समुदायों और उनके त्योहारों को लेकर सुरक्षा इंतज़ामों की समीक्षा करनी पड़ सकती है।
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