×
 

"पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराया जाए": पीओके में अशांति के बीच भारत का बयान

भारत ने पीओके में पाकिस्तान के मानवाधिकार उल्लंघनों पर अंतरराष्ट्रीय जवाबदेही की मांग की। MEA ने कहा कि पाकिस्तान अवैध कब्जा छोड़कर क्षेत्र की जनता के अधिकारों का सम्मान करे।

भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि पाकिस्तान को उसके भीषण मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। यह बयान ऐसे समय आया है जब पीओके में लगातार अशांति और जनता के विरोध प्रदर्शन की खबरें सामने आ रही हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान न केवल वहां के नागरिकों को उनके बुनियादी अधिकारों से वंचित कर रहा है, बल्कि दमनकारी नीतियों के जरिए उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को भी कुचल रहा है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह इस मुद्दे पर चुप्पी न साधे और पाकिस्तान की नीतियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए।

भारत ने यह भी दोहराया कि पूरा जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पीओके भारत का अभिन्न हिस्सा है, और पाकिस्तान को वहां से तुरंत अपने अवैध कब्जे को समाप्त करना चाहिए। MEA का कहना है कि पाकिस्तान दशकों से आतंकवाद को बढ़ावा देकर और स्थानीय लोगों की आवाज़ दबाकर क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर रहा है।

और पढ़ें: सिर क्रीक विवाद पर पाकिस्तान को राजनाथ सिंह की कड़ी चेतावनी

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह बयान न केवल पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश है, बल्कि वैश्विक मंच पर मानवाधिकार के मुद्दे पर एक मजबूत कूटनीतिक रुख भी है। पीओके में हाल ही में जिस तरह जनता ने सड़कों पर उतरकर विरोध जताया है, उसने वहां की वास्तविक स्थिति को उजागर किया है।

भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह पीओके में हो रहे अत्याचारों को उजागर करने और वहां के लोगों की आवाज़ को समर्थन देने के लिए सभी मंचों पर सक्रिय रहेगा।

और पढ़ें: पाकिस्तान के पीएम शरीफ ने न्यूयॉर्क में बांग्लादेश और श्रीलंका के नेताओं से की बैठक

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share