मेरिट को आधार बनाना चाहिए, धर्म को नहीं: उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान
उमर अब्दुल्ला ने वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में मुस्लिम छात्रों के दाखिले का समर्थन करते हुए कहा कि प्रवेश मेरिट पर आधारित होना चाहिए, धर्म पर नहीं। बीजेपी ने इसके खिलाफ कड़ा विरोध जताया है।
जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने माता वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में मुस्लिम छात्रों के प्रवेश को लेकर उठे विवाद पर कहा कि प्रवेश केवल मेरिट के आधार पर होना चाहिए, धर्म के आधार पर नहीं। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय जम्मू-कश्मीर विधानसभा के एक अधिनियम के तहत स्थापित किया गया है और इसमें धर्म के आधार पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
उन्होंने सवाल उठाया कि "जब विधानसभा ने माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए बिल पास किया था, तब कहां लिखा था कि किसी एक धर्म के लड़के-लड़कियों को बाहर रखा जाएगा?"
यह विवाद उस समय भड़का जब वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस में मुस्लिम छात्रों के प्रवेश पर जम्मू में कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद बीजेपी ने भी इसे लेकर आपत्ति जताते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को ज्ञापन सौंपा और इन छात्रों के दाखिले रद्द करने की मांग की।
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बीजेपी का तर्क है कि चूंकि कॉलेज माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा स्थापित किया गया है और हिंदू भक्तों के दान से बना है, इसलिए सीटें केवल हिंदू छात्रों के लिए होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने कहा, "यह देश स्वीकार नहीं करेगा कि किसी एक समुदाय के छात्रों को ऐसे संस्थान में प्रवेश दिया जाए।"
हालाँकि, आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह कॉलेज माइनॉरिटी इंस्टिट्यूशन नहीं है, और प्रवेश पूरी तरह NMC और NEET की गाइडलाइन के अनुसार किया गया है। 50 सीटों वाली इस नई मेडिकल कॉलेज में 42 मुस्लिम छात्रों का चयन हुआ है, जबकि जम्मू क्षेत्र के केवल 8 हिंदू छात्रों ने प्रवेश लिया है।
उमर अब्दुल्ला ने चेतावनी दी कि यदि संस्थागत निर्णयों में धर्म को आधार बनाया जाने लगा, तो इसका असर शासन के अन्य क्षेत्रों पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अधिनियम में स्पष्ट लिखा है कि “प्रवेश मेरिट से होगा, धर्म से नहीं।
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