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मेटा की सुपरइंटेलिजेंस रणनीति से मुनाफे में बड़ी छलांग की संभावना कम

मेटा का एआई और सुपरइंटेलिजेंस में बड़ा निवेश फिलहाल मुनाफे में बड़ी बढ़ोतरी नहीं ला पाएगा। दूसरी तिमाही में कंपनी का लाभ सिर्फ 11.5% बढ़ने का अनुमान है।

मेटा (Meta) ने इस साल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ‘सुपरइंटेलिजेंस’ तकनीकों में बड़े निवेश किए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कंपनी के मुनाफे में फिलहाल कोई बड़ी बढ़ोतरी नहीं होगी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी का दूसरा तिमाही वित्तीय परिणाम जारी होगा और वॉल स्ट्रीट विश्लेषक इसकी धीमी लाभ वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। अनुमान है कि मेटा का मुनाफा 11.5% बढ़कर 15.01 बिलियन डॉलर तक पहुंचेगा, जो पिछले दो वर्षों में सबसे धीमी वृद्धि दर है।

इसका मुख्य कारण है कि कंपनी के ऑपरेटिंग कॉस्ट में लगभग 9% की वृद्धि हुई है। मेटा का ध्यान एआई रिसर्च, इन्फ्रास्ट्रक्चर विस्तार और भविष्य की सुपरइंटेलिजेंस तकनीकों के विकास पर केंद्रित है, जिससे अल्पकालिक लाभ पर दबाव बढ़ा है।

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वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि मेटा का यह निवेश दीर्घकालिक दृष्टिकोण से लाभदायक हो सकता है, क्योंकि एआई तकनीक आने वाले समय में कंपनी की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को मजबूत करेगी। हालांकि, निकट भविष्य में निवेशकों को तेज मुनाफे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

पिछले कुछ महीनों में मेटा ने जनरेटिव एआई, उन्नत लैंग्वेज मॉडल्स और एआई-आधारित विज्ञापन तकनीकों में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। कंपनी का लक्ष्य भविष्य में सुपरइंटेलिजेंट सिस्टम विकसित करना है, लेकिन यह प्रक्रिया समय लेने वाली और लागतपूर्ण है।

विश्लेषकों का मानना है कि अगर मेटा अपनी नई तकनीकों का सफलतापूर्वक व्यावसायीकरण कर पाता है, तो अगले कुछ वर्षों में राजस्व और मुनाफे में तेजी से सुधार हो सकता है।

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