मध्य प्रदेश मंत्री ने राजा राम मोहन राय पर दिए बयान के लिए मांगी माफी
मध्य प्रदेश मंत्री इंदर सिंह परमार ने राजा राम मोहन राय को “ब्रिटिश एजेंट” कहने पर विवाद के बीच माफी मांगी। कांग्रेस और तृणमूल ने बयान को इतिहास विरोधी और अपमानजनक बताया।
मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता इंदर सिंह परमार ने समाज सुधारक राजा राम मोहन राय पर की गई अपनी टिप्पणी के लिए रविवार को माफी मांग ली। उन्होंने राय को “ब्रिटिश एजेंट” कहकर आरोप लगाया था कि उन्होंने उस समय मिशनरियों को धार्मिक परिवर्तन में सहायता की। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की।
इंदर सिंह परमार ने शनिवार को मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि अंग्रेजी शिक्षा का उपयोग ब्रिटिश शासन के दौरान धार्मिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए एक माध्यम के रूप में किया गया। परमार के अनुसार, ब्रिटिश हुकूमत के दौरान शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य भारतीय समाज को उसकी धार्मिक और सांस्कृतिक जड़ों से दूर करना था।
बयान के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया। विपक्ष ने परमार पर इतिहास को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करने और देश के महान समाज सुधारक का अपमान करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राजा राम मोहन राय ने न केवल समाज सुधार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया बल्कि सती प्रथा जैसी कुप्रथा के उन्मूलन में भी प्रमुख भूमिका निभाई। तृणमूल कांग्रेस ने भी परमार की टिप्पणी को अस्वीकार्य बताया और कहा कि ऐसे बयान सामाजिक सद्भाव को प्रभावित करते हैं।
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विवाद बढ़ने के बाद इंदर सिंह परमार ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी का अपमान करना नहीं था और अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो वे खेद व्यक्त करते हैं।
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