म्यांमार का आने वाला चुनाव दिखावा होगा: विद्रोही नेता याव मांग का आरोप
याव मांग ने कहा कि म्यांमार का चुनाव केवल दिखावा है और संकट का हल नहीं देगा। उन्होंने भारत से चिन राज्य के लिए भोजन, दवाइयों और संचार सुविधाओं में मदद की अपील की।
म्यांमार में होने वाला आगामी चुनाव पूरी तरह से “दिखावा” होगा और देश में वर्षों से जारी गृह संघर्ष को किसी भी प्रकार कम नहीं करेगा। यह आरोप चिन ब्रदरहुड के प्रवक्ता और वरिष्ठ विद्रोही नेता याव मांग ने लगाया, जिनका संगठन पिछले तीन वर्षों से सैन्य जुंटा के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ रहा है। सैन्य जुंटा ने 1 फरवरी 2021 को तख्तापलट कर सत्ता अपने हाथ में ले ली थी, जिसके बाद से म्यांमार लगातार हिंसा, राजनीतिक दमन और प्रशासनिक अव्यवस्था से गुजर रहा है।
The Indian Witness को दिए एक विशेष साक्षात्कार में, याव मांग ने कहा कि चिन ब्रदरहुड की लड़ाई किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि अपने समुदाय के प्रशासनिक और आर्थिक अधिकारों की बहाली के लिए है। उन्होंने दावा किया कि सैन्य जुंटा ने लोगों के मूलभूत अधिकारों को छीन लिया है और चुनाव केवल अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भ्रमित करने का एक औपचारिक प्रयास है।
याव मांग चिन राज्य के मिंदात टाउनशिप में आधारित हैं, जो भारत के मिजोरम राज्य की सीमा से सटा हुआ है। उन्होंने भारतीय सरकार से अपील की कि वह चिन राज्य के नागरिकों को आवश्यक मानवीय सहायता जैसे भोजन, दवाइयां और दूरसंचार सेवाएं उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि लगातार संघर्ष, नाकेबंदी और सैन्य कार्रवाई के कारण क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी हो गई है।
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याव मांग का मानना है कि भारत और चिन समुदाय के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्ते हैं, इसलिए भारत की ओर से मानवीय सहायता बेहद महत्वपूर्ण होगी। उनका कहना है कि जब तक सैन्य शासन हटकर वास्तविक लोकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं बहाल करता, तब तक आगामी चुनाव देश के लिए कोई समाधान नहीं ला पाएंगे।
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