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1एमडीबी घोटाले में पूर्व मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रजाक दोषी करार

1एमडीबी घोटाले में पूर्व मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रजाक को सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों में दोषी ठहराया गया, जिससे उनकी जेल अवधि और बढ़ सकती है।

मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक को 1एमडीबी (1Malaysia Development Berhad) भ्रष्टाचार घोटाले से जुड़े एक मामले में शुक्रवार (26 दिसंबर 2025) को दोषी करार दिया गया। देश की हाईकोर्ट ने 72 वर्षीय नजीब रजाक को सत्ता के दुरुपयोग के तीन मामलों में दोषी ठहराया।

अधिकारियों के अनुसार, नजीब रजाक ने सरकारी निवेश कोष 1एमडीबी से 70 करोड़ डॉलर से अधिक की राशि अपने निजी बैंक खातों में डलवाई थी। नजीब 2009 से 2018 तक मलेशिया के प्रधानमंत्री रहे। वह पहले से ही 1एमडीबी घोटाले से जुड़े एक अन्य मामले में सजा काट रहे हैं, जिसके चलते 2018 में उनकी सरकार को चुनावी हार का सामना करना पड़ा था।

नजीब को वर्ष 2020 में सत्ता के दुरुपयोग, आपराधिक विश्वासघात और धन शोधन के मामले में 12 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। यह मामला 1एमडीबी की इकाई एसआरसी इंटरनेशनल से 4.2 करोड़ रिंगिट (लगभग 10.3 मिलियन डॉलर) उनके खातों में भेजे जाने से जुड़ा था। अंतिम अपील खारिज होने के बाद अगस्त 2022 में उन्हें जेल भेजा गया, जिससे वह मलेशिया के पहले ऐसे पूर्व प्रधानमंत्री बने जिन्हें जेल हुई।

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हालांकि, 2024 में क्षमादान बोर्ड ने उनकी सजा आधी कर दी और जुर्माने में भी बड़ी कटौती की। नजीब ने 2009 में प्रधानमंत्री बनने के बाद 1एमडीबी फंड की स्थापना की थी और वह इसके सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष भी थे। वित्त मंत्री होने के नाते उनके पास वीटो पावर भी थी।

इस घोटाले की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी और अमेरिका सहित कई देशों में जांच शुरू हुई। अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, 2009 से 2014 के बीच 4.5 अरब डॉलर से अधिक की राशि की हेराफेरी की गई, जिसे अमेरिका, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड जैसे देशों के जरिए सफेद किया गया। इन पैसों का इस्तेमाल हॉलीवुड फिल्मों, आलीशान होटल, यॉट, कला और आभूषणों की खरीद में हुआ।

नजीब ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यह धन सऊदी अरब से मिला दान था और उन्हें लो ताएक जो जैसे वित्तीय सलाहकारों ने गुमराह किया। अभियोजन पक्ष का कहना है कि नजीब ही इस पूरे घोटाले के मुख्य निर्णयकर्ता और सबसे बड़े लाभार्थी थे।

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