नेपाल में जनरेशन Z आंदोलन : हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में कुछ घंटों के लिए सार्वजनिक गतिविधियों की अनुमति
नेपाल में ‘जनरेशन Z’ विरोध में 30 की मौत, सेना ने प्रतिबंध बढ़ाए। सार्वजनिक गतिविधियां सीमित समय में अनुमति, अंतरिम सरकार के संभावित नेताओं पर चर्चा और नागरिकों की सुरक्षित वापसी शुरू।
नेपाल में ‘जनरेशन Z’ समूह के नेतृत्व में जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन ने राजधानी काठमांडू और आसपास के क्षेत्रों में हालात को भयावह बना दिया। रविवार शाम से शुरू हुए प्रदर्शनों में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय ने यह आंकड़ा साझा किया।
प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को पद छोड़ने के लिए मजबूर करने वाली इस हिंसा ने संसद भवन में आग लगाने तक का मामला देखा गया। इसके बाद नेपाल सेना ने स्थिति नियंत्रण में लाने और सामान्यता बहाल करने के लिए कदम उठाए। हालांकि, सेना ने काठमांडू घाटी के तीन जिलों में प्रतिबंधात्मक आदेश बढ़ा दिए हैं, लेकिन विशेष समय विंडो में सार्वजनिक गतिविधियों की अनुमति भी दी गई है।
सेना का फोकस अब हिंसा को समाप्त करना और देश में शांति स्थापित करना है। इसी बीच, अंतरिम सरकार के संभावित नेताओं के नामों पर चर्चा शुरू हो गई है। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि जल्द ही नया नेतृत्व तय हो सकता है, जिससे देश में स्थिरता लौट सके।
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त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अब फिर से खुल गया है, जिससे भारत और अन्य देशों के नागरिकों की सुरक्षित वापसी पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। भारतीय राज्यों ने भी अपने नागरिकों को नेपाल से लाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाना और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अब प्राथमिकता बन गई है। साथ ही, जनता को सीमित समय में बाहर आने-जाने की अनुमति देना स्थानीय प्रशासन की रणनीति का हिस्सा है, ताकि रोजमर्रा की जरूरतें पूरी की जा सकें।
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