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नई एच-1बी वीज़ा प्रक्रिया: लॉटरी की जगह वेतन आधारित प्रणाली का प्रस्ताव

अमेरिका ने एच-1बी वीज़ा लॉटरी प्रणाली हटाकर वेतन-आधारित प्रक्रिया का प्रस्ताव रखा, जिसमें उच्च कौशल और बेहतर वेतन पाने वाले विदेशी कर्मियों को प्राथमिकता मिलेगी।

अमेरिकी प्रशासन ने एच-1बी वीज़ा प्रणाली में बड़ा बदलाव प्रस्तावित किया है। अब तक यह वीज़ा मुख्य रूप से लॉटरी पद्धति से आवंटित किया जाता था, लेकिन नए प्रस्ताव के तहत इसे वेतन-आधारित स्तरीकरण प्रणाली से बदला जा सकता है। इस प्रणाली में उच्च कौशल वाले और बेहतर वेतन पाने वाले विदेशी पेशेवरों को चयन में प्राथमिकता दी जाएगी।

इस कदम का मुख्य उद्देश्य अमेरिकी श्रमिकों को अनुचित वेतन प्रतिस्पर्धा से बचाना और अमेरिकी बाजार में उच्च कौशल वाले कर्मियों को बढ़ावा देना है। वर्तमान प्रणाली में कई बार कम वेतन वाले विदेशी कर्मियों को भी आसानी से अवसर मिल जाते हैं, जिससे अमेरिकी नागरिकों की नौकरी और वेतन संरचना पर दबाव पड़ता है।

नए नियम लागू होने पर एच-1बी वीज़ा पाने के लिए कंपनियों को कर्मचारियों के कौशल स्तर और प्रस्तावित वेतन को प्राथमिक आधार बनाना होगा। इसका अर्थ है कि उच्च वेतन की पेशकश करने वाली कंपनियों के विदेशी कर्मचारियों को वीज़ा मिलने की संभावना अधिक होगी। इससे विशेष रूप से उच्च तकनीकी और अनुसंधान क्षेत्रों में काम करने वाले पेशेवरों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

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हालांकि, आलोचकों का मानना है कि यह कदम छोटे और मध्यम आकार की कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि वे अक्सर बड़ी कंपनियों की तरह ऊंचा वेतन देने में सक्षम नहीं होती। इससे वीज़ा वितरण में असमानता पैदा होने का भी खतरा है।

फिर भी, प्रशासन का तर्क है कि यह सुधार अमेरिका में रोजगार गुणवत्ता को बढ़ाएगा और उच्च कौशल वाले पेशेवरों को आकर्षित करने में सहायक होगा। इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय परामर्श प्रक्रिया और सार्वजनिक सुझावों के बाद लिया जाएगा।

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