भारत-अफगान संयुक्त बयान पर पाकिस्तान ने काबुल के राजदूत को तलब किया, आतंकी मुद्दे पर मुत्ताकी के बयान को खारिज किया
भारत-अफगान संयुक्त बयान पर पाकिस्तान ने अफगान राजदूत को तलब किया और मुत्ताकी के “आतंकवाद पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा है” वाले बयान को गलत और भ्रामक बताते हुए खारिज किया।
पाकिस्तान ने शनिवार को भारत-अफगानिस्तान के संयुक्त बयान पर आपत्ति जताते हुए इस्लामाबाद स्थित अफगान राजदूत को तलब किया और कड़े शब्दों में विरोध दर्ज कराया। दोनों देशों के बीच यह राजनयिक तनाव उस समय बढ़ गया जब अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने यह बयान दिया कि “आतंकवाद पाकिस्तान का आंतरिक मामला है।”
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस तरह की टिप्पणी “तथ्यों के विपरीत और गैर-जिम्मेदाराना” है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद एक क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय खतरा है, जिसे किसी एक देश का आंतरिक मामला बताना वास्तविकता से परे है। इस्लामाबाद ने कहा कि अफगानिस्तान को अपनी धरती से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों पर नियंत्रण करना चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान में हाल के महीनों में हुए कई हमलों की जड़ें अफगान सीमा के पार पाई गई हैं।
पाकिस्तान ने यह भी कहा कि भारत-अफगानिस्तान के बीच हालिया संयुक्त बयान, जिसमें आतंकवाद और क्षेत्रीय स्थिरता पर सहयोग की बात की गई थी, “राजनीतिक रूप से प्रेरित” प्रतीत होता है। इस्लामाबाद ने आरोप लगाया कि भारत, अफगानिस्तान के माध्यम से पाकिस्तान के खिलाफ “नकारात्मक नैरेटिव” फैलाने की कोशिश कर रहा है।
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विश्लेषकों का कहना है कि यह घटना पहले से ही तनावपूर्ण पाक-अफगान संबंधों को और जटिल बना सकती है। डूरंड रेखा पर बार-बार होने वाले सीमा संघर्ष और आतंकवाद के आरोपों के बीच दोनों देशों के बीच विश्वास का स्तर लगातार गिर रहा है।
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