भारत की ट्रेन: गुजरात में 185 पाकिस्तानी नागरिकों को मिली भारतीय नागरिकता, 16 साल का इंतज़ार खत्म
गुजरात में 185 पाकिस्तानी नागरिकों को CAA के तहत भारतीय नागरिकता मिली। 16 साल के इंतज़ार के बाद मिली राहत से परिवारों ने इसे दूसरी ज़िंदगी और सुरक्षित भविष्य का अवसर बताया।
गुजरात के कच्छ ज़िले के ज़ूरा कैंप के बाहरी हिस्से में स्थित एक पुराने भुंगा (गोल मिट्टी का घर) के बाहर 70 वर्षीय सूरोजी कंजी सोढा गहरी सांस छोड़ते हुए कहते हैं—“यह एक दूसरी ज़िंदगी जैसा एहसास है।” सूरोजी और उनकी पत्नी ताजू कौर को 25 जुलाई को भारतीय नागरिकता मिली, साथ ही गुजरात के अन्य 183 पाकिस्तानी नागरिकों को भी।
इनमें से अधिकांश लोग पाकिस्तान से कथित उत्पीड़न और असुरक्षा से बचने के लिए कई साल पहले पर्यटक वीज़ा पर भारत आए थे। इनमें से कई ने एक दशक से अधिक का इंतज़ार झेला। नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत हाल ही में यह नागरिकता प्रदान की गई।
सूरोजी बताते हैं कि कागज़ी औपचारिकताओं और लम्बे इंतज़ार ने जीवन कठिन बना दिया, लेकिन अब राहत की सांस ली जा सकती है। उनके मुताबिक, “हमारे बच्चों का भविष्य अब सुरक्षित होगा। वे बिना डर के पढ़-लिख सकेंगे और रोज़गार पा सकेंगे।”
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पिछले महीने जब गुजरात में पाकिस्तानी नागरिकों को नागरिकता मिली तो खुशी का माहौल देखने को मिला। परिवारों ने मिठाइयाँ बाँटीं और इसे सपनों के सच होने जैसा बताया। कई लोगों का कहना है कि अब वे स्थायी घर बना सकते हैं, बैंक खाते खोल सकते हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।