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संसद का शीतकालीन सत्र: पेश 10 में से 8 विधेयक दोनों सदनों से पारित, 2 स्थायी समिति को भेजे गए

संसद के शीतकालीन सत्र में पेश 10 में से 8 विधेयक दोनों सदनों से पारित हुए, जबकि 2 को स्थायी समिति को भेजा गया। सत्र की उत्पादकता 111 प्रतिशत रही।

संसद का 15 बैठक वाला शीतकालीन सत्र इस वर्ष 1 दिसंबर से 19 दिसंबर के बीच आयोजित हुआ, जिसमें विधायी कामकाज की उच्च उत्पादकता देखने को मिली। इस दौरान लोकसभा में कुल 10 नए विधेयक पेश किए गए, जिनमें से 8 विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हो गए, जबकि शेष 2 विधेयकों को आगे की जांच और विचार के लिए स्थायी समिति के पास भेज दिया गया।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस सत्र के दौरान संसद की कुल उत्पादकता 111 प्रतिशत रही। इस दौरान कई अहम और दूरगामी प्रभाव वाले विधेयक पारित किए गए, जिनमें ‘सस्टेनेबल हार्नेसिंग एंड एडवांसमेंट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (SHANTI) बिल’, ‘सबका बीमा सबका रक्षा’ विधेयक और तंबाकू कारखानों को लक्षित करने वाले दो महत्वपूर्ण विधेयक शामिल हैं।

पारित किए गए आठ विधेयकों में से तीन ‘मनी बिल’ थे, जिन्हें राज्यसभा से पारित कराने की आवश्यकता नहीं होती। इनमें ‘हेल्थ सिक्योरिटी सेस–नेशनल सिक्योरिटी सेस विधेयक, 2025’, ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025’ और ‘मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025’ शामिल हैं।

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इनमें से पहले दो विधेयक तंबाकू निर्माण इकाइयों पर सेस और उत्पाद शुल्क लगाने से जुड़े हैं, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा और राजस्व संग्रह को मजबूत करना है। वहीं, मणिपुर जीएसटी (दूसरा संशोधन) विधेयक के तहत राज्य में जीएसटी स्लैब को संशोधित कर दो दरों—5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत—में सीमित किया गया है, जो जीएसटी काउंसिल के निर्णय के अनुरूप है।

संसद के इस शीतकालीन सत्र को सरकार ने विधायी दृष्टि से सफल बताया है, जबकि कुछ विधेयकों को स्थायी समिति को भेजने को विस्तृत जांच और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बताया गया।

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