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ट्रंप के कदम के बीच वॉशिंगटन में नेशनल गार्ड को हथियार, अन्य शहरों में तैनाती पर विचार

पेंटागन ने बताया कि वॉशिंगटन डी.सी. में कुछ नेशनल गार्ड यूनिट्स अब हथियारबंद हैं, जबकि ट्रंप प्रशासन अन्य डेमोक्रेटिक शहरों में भी तैनाती बढ़ाने पर विचार कर रहा है।

अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने कहा है कि वॉशिंगटन डी.सी. में तैनात कुछ नेशनल गार्ड यूनिट्स अब आग्नेयास्त्र लेकर गश्त कर रही हैं। यह कदम उस समय उठाया गया है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राज्य और स्थानीय सरकारों की कानून-व्यवस्था संबंधी शक्तियों को दरकिनार करने की दिशा में और आगे बढ़ रहे हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप प्रशासन इस तैनाती का विस्तार अन्य डेमोक्रेटिक-नेतृत्व वाले शहरों जैसे बाल्टीमोर, शिकागो और न्यूयॉर्क तक करने पर विचार कर रहा है। आलोचकों का कहना है कि यह कदम संघीय शक्ति के अत्यधिक उपयोग का उदाहरण है और इससे राज्यों के अधिकार कमजोर हो सकते हैं।

नेशनल गार्ड को आमतौर पर केवल आपात स्थितियों या प्राकृतिक आपदाओं के समय बुलाया जाता है, लेकिन हथियारों के साथ उनकी तैनाती दुर्लभ है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संकेत है कि ट्रंप प्रशासन संभावित विरोध प्रदर्शनों और असंतोष को सख्ती से दबाने के मूड में है।

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पेंटागन अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि तैनात गार्ड के पास हथियार केवल "आत्मरक्षा" के लिए हैं और इन्हें सावधानीपूर्वक उपयोग करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, यह विकास अमेरिकी राजनीतिक परिदृश्य में बढ़ते तनाव और केंद्र बनाम राज्य के अधिकारों पर टकराव को उजागर करता है।

डेमोक्रेटिक नेताओं ने इस कदम की निंदा की है और कहा है कि यह संघीय सरकार द्वारा "शक्ति के दुरुपयोग" का उदाहरण है। वहीं, ट्रंप समर्थकों का दावा है कि यह कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए आवश्यक है।

यह घटनाक्रम दर्शाता है कि अमेरिकी राजनीति में सुरक्षा और शक्ति संतुलन पर विवाद और गहराता जा रहा है।

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