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अमेरिका ने यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइल देने की अनुमति दी, अंतिम फैसला ट्रंप के हाथों में

पेंटागन ने यूक्रेन को लंबी दूरी की टॉमहॉक मिसाइल देने की अनुमति दी है, लेकिन अंतिम राजनीतिक फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लेंगे। रूस के साथ तनाव बढ़ सकता है।

वॉशिंगटन से बड़ी खबर सामने आई है कि पेंटागन ने व्हाइट हाउस को यूक्रेन को लंबी दूरी की टॉमहॉक मिसाइलें देने की अनुमति दे दी है। यह निर्णय अमेरिकी सैन्य स्टॉक पर असर का आकलन करने के बाद लिया गया है। अब अंतिम राजनीतिक फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाथों में है। तीन अमेरिकी और यूरोपीय अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।

हालांकि, ट्रंप ने हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ व्हाइट हाउस में हुई बैठक के दौरान कहा था कि वे यूक्रेन को यह मिसाइलें देना पसंद नहीं करेंगे क्योंकि “हमें वे चीज़ें नहीं देनी चाहिए जिनकी जरूरत हमारे देश की सुरक्षा के लिए है।”

इस माह की शुरुआत में जॉइंट स्टाफ ने व्हाइट हाउस को यह रिपोर्ट दी थी कि टॉमहॉक देने से अमेरिकी सैन्य भंडार पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। रिपोर्ट ज़ेलेंस्की और ट्रंप की मुलाकात से ठीक पहले आई थी। ज़ेलेंस्की लगातार इन मिसाइलों की मांग कर रहे थे ताकि रूस के भीतर तेल और ऊर्जा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा सके। इन मिसाइलों की रेंज लगभग 1,000 मील बताई जाती है।

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अमेरिकी रिपोर्ट से यूरोपीय सहयोगी देशों में उत्साह देखा गया, जिन्होंने कहा कि अब अमेरिका के पास मिसाइल न देने का कोई ठोस कारण नहीं बचा है। ट्रंप ने मुलाकात से पहले ही कहा था कि अमेरिका के पास “काफी टॉमहॉक” हैं जिन्हें यूक्रेन को दिया जा सकता है।

लेकिन कुछ ही दिनों बाद ट्रंप ने अपना रुख अचानक बदल दिया। व्हाइट हाउस में ज़ेलेंस्की के साथ कार्य लंच के दौरान उन्होंने कहा कि “अमेरिका को इन टॉमहॉक्स की जरूरत है।” बाद में बंद कमरे की बैठक में उन्होंने साफ किया कि अभी अमेरिका इन्हें नहीं देगा।

यह निर्णय उस बातचीत के एक दिन बाद आया जिसमें ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर चर्चा की थी। पुतिन ने ट्रंप को चेतावनी दी थी कि टॉमहॉक मिसाइलें मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग जैसे बड़े शहरों को निशाना बना सकती हैं। पुतिन के अनुसार, इसका युद्ध पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा लेकिन इससे अमेरिका-रूस संबंधों को गंभीर क्षति होगी।

व्हाइट हाउस और पेंटागन दोनों ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, ट्रंप ने मिसाइल योजना को पूरी तरह खारिज नहीं किया है। प्रशासन ने आपात स्थिति में यूक्रेन को टॉमहॉक देने की विस्तृत योजना तैयार कर रखी है।

ट्रंप हाल ही में पुतिन की शांति वार्ता में गंभीरता की कमी से बेहद नाराज़ बताए जा रहे हैं। इसी कारण उन्होंने रूसी तेल कंपनियों पर नए अमेरिकी प्रतिबंधों को मंजूरी दी और बुडापेस्ट में होने वाली अपनी संभावित मुलाकात फिलहाल टाल दी।

रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, अब मुख्य चुनौती यह है कि यूक्रेन इन मिसाइलों का उपयोग कैसे करेगा। टॉमहॉक मिसाइलें आमतौर पर जहाज़ों या पनडुब्बियों से दागी जाती हैं, जबकि यूक्रेन की नौसेना काफी कमजोर स्थिति में है। ऐसे में उन्हें ज़मीनी लॉन्चर की जरूरत होगी, जो मरीन कॉर्प्स और आर्मी ने विकसित किए हैं।

यूरोपीय अधिकारियों का मानना है कि यदि अमेरिका लॉन्चर नहीं भी देता, तो यूक्रेन अपनी तकनीकी क्षमता से समाधान निकाल सकता है — जैसे उसने पहले ब्रिटेन द्वारा दी गई स्टॉर्म शैडो मिसाइलों को पुराने सोवियत विमानों पर फिट कर लिया था।

ज़ेलेंस्की ने हाल ही में एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि यूक्रेन इस वर्ष के अंत तक अपनी लंबी दूरी की मारक क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है ताकि युद्ध “न्यायपूर्ण शर्तों पर” समाप्त हो सके।

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