पोप लियो XIV करेंगे बेरूत विस्फोट स्थल पर प्रार्थना, तुर्की की यात्रा भी तय
पोप लियो XIV नवंबर में अपनी पहली विदेशी यात्रा पर लेबनान और तुर्की जाएंगे, बेरूत विस्फोट स्थल पर प्रार्थना करेंगे और नाइसिया परिषद की 1700वीं वर्षगांठ मनाएंगे।
वेटिकन ने सोमवार (27 अक्टूबर, 2025) को पोप लियो XIV की पहली विदेशी यात्रा का कार्यक्रम जारी किया, जिसमें उन्होंने अगले महीने बेरूत और तुर्की का दौरा करने की घोषणा की है। यह यात्रा 27 नवंबर से 2 दिसंबर तक चलेगी।
पोप लियो XIV अपनी यात्रा की शुरुआत लेबनान से करेंगे, जहां वे 2020 में हुए बेरूत बंदरगाह विस्फोट स्थल पर प्रार्थना करेंगे। इस हादसे में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और लेबनान की आर्थिक व राजनीतिक स्थिति गंभीर संकट में चली गई थी। यह कदम क्षेत्र में शांति और एकता के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।
इसके बाद पोप तुर्की जाएंगे, जहां वे ईसाई धर्म के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना — 1,700वीं वर्षगांठ ‘काउंसिल ऑफ नाइसिया’ — का स्मरण करेंगे। यह ईसाई धर्म की पहली एक्युमेनिकल परिषद थी, जिसने धार्मिक एकता के लिए ऐतिहासिक भूमिका निभाई थी।
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वेटिकन के अनुसार, यह यात्रा धर्मों के बीच संवाद, मध्य पूर्व के ईसाइयों की स्थिति और क्षेत्रीय तनाव जैसे मुद्दों पर केंद्रित होगी। पोप लियो, जो इतिहास के पहले अमेरिकी पोप हैं, ने अपने पूर्ववर्ती पोप फ्रांसिस की अधूरी योजना को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है। पोप फ्रांसिस ने भी लेबनान और तुर्की जाने की इच्छा जताई थी, लेकिन उनका निधन पहले ही हो गया।
पोप लियो 28 नवंबर को हेलीकॉप्टर से इस्तांबुल के दक्षिण-पूर्व स्थित इज़निक झील क्षेत्र के पास स्थित सेंट नियोफाइटोस बेसिलिका के अवशेषों के पास प्रार्थना करेंगे।
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