यूक्रेन में रूसी पहचान मजबूत करने पर जोर: पुतिन की नई राष्ट्रीय नीति रणनीति जारी
पुतिन ने 2036 तक रूस में 95% आबादी में “रूसी नागरिक पहचान” को मजबूत करने की रणनीति जारी की। यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों में रूसी भाषा और पहचान बढ़ाने पर जोर दिया गया।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के उन क्षेत्रों में रूसी पहचान और रूसी भाषा को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया है, जिन्हें मॉस्को ने 2022 के आक्रमण के बाद अपने नियंत्रण में शामिल किया है। यह बात मंगलवार (25 नवंबर 2025) को जारी एक दस्तावेज़ में कही गई, जिसका शीर्षक है — “2036 तक की अवधि के लिए रूस की राष्ट्रीय नीति की रणनीति।”
दस्तावेज़ के अनुसार, 2036 तक देश की कम से कम 95% आबादी को “रूसी नागरिक पहचान” के साथ जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। पुतिन लंबे समय से यह दावा करते रहे हैं कि यूक्रेन की ऐतिहासिक पहचान रूस से अलग नहीं है।
सोवियत काल से पहले के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों के कारण बहुत से यूक्रेनवासी रूसी भाषा बोलते रहे हैं, लेकिन 2022 के बाद हुए संघर्ष ने इस रूझान को काफी कम कर दिया है। सर्वेक्षण बताते हैं कि यूक्रेन में रूसी भाषा का प्रयोग तेजी से घटा है।
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इसी बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि कीव एक अमेरिकी-समर्थित शांति योजना पर आगे बढ़ने को तैयार है, लेकिन यूक्रेन को आशंका है कि कहीं उस पर रूसी शर्तों पर क्षेत्रीय समझौते थोप न दिए जाएं।
पुतिन ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण को “डी-नाज़िफिकेशन” और “डी-मिलिटरीकरण” का अभियान बताया था। छह महीने के भीतर डोनेट्स्क, लुगांस्क, खेरसोन और ज़ापोरिज़्ज़िया क्षेत्रों को रूस में शामिल घोषित कर दिया गया, हालांकि इन पर मॉस्को का पूरा सैन्य नियंत्रण नहीं है।
दस्तावेज़ में कहा गया है कि इन क्षेत्रों पर नियंत्रण ने “रूस के ऐतिहासिक क्षेत्रों की एकता बहाल करने की परिस्थितियाँ” बनाई हैं। इसे लागू करने हेतु रूसी भाषा को बढ़ावा देने, रूसी नागरिक पहचान को मजबूत करने और “विदेशी ताकतों द्वारा समाज में विभाजन की कोशिशों” का मुकाबला करने पर जोर दिया गया है।
यूक्रेन इस दावा को खारिज करता है कि रूसी-भाषियों के साथ देश में कोई भेदभाव हुआ है। वहीं रूस 2014 की क्रांति के बाद यूक्रेन की राजनीति में “नव-नाज़ी विचारधारा” के प्रसार का आरोप लगाता रहा है।
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