रिपब्लिकन हलचल: ट्रंप और एपस्टीन फाइलों से उठते सवाल
ट्रंप और एपस्टीन से जुड़ी फाइलों के खुलासे ने रिपब्लिकन पार्टी में घमासान मचा दिया है, जिससे जवाबदेही, नैतिकता और राजनीतिक रणनीतियों को लेकर बहस तेज हो गई है।
डोनाल्ड ट्रंप और दिवंगत वित्तीय कारोबारी जेफ्री एपस्टीन से जुड़े मामलों को लेकर एक बार फिर अमेरिकी राजनीति, विशेष रूप से रिपब्लिकन पार्टी में हलचल तेज हो गई है। ट्रंप पर लगातार दबाव बढ़ रहा है कि वे एपस्टीन केस से संबंधित सभी तथ्य और दस्तावेज सार्वजनिक करें, खासकर ग्रैंड जूरी की गवाही से जुड़े हिस्से।
ट्रंप ने हाल ही में एटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को अदालत से अनुमति लेकर ग्रैंड जूरी ट्रांसक्रिप्ट्स को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है। इस फैसले के पीछे पार्टी के एक हिस्से और जनता की बढ़ती मांग है कि एपस्टीन से ट्रंप के संबंधों को लेकर पूर्ण पारदर्शिता होनी चाहिए।
यह विवाद तब और गहरा गया जब एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि ट्रंप ने 2003 में एपस्टीन को एक ऐसा पत्र भेजा था जिसमें एक गुप्त साझेदारी का संकेत था। इसके बाद ट्रंप ने उस रिपोर्टिंग संस्था और मीडिया मुग़ल रूपर्ट मर्डोक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया।
रिपब्लिकन पार्टी के भीतर इस मुद्दे को लेकर विभाजन स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। कुछ नेता ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं जबकि अन्य पारदर्शिता और कानूनी जांच की मांग कर रहे हैं। यह प्रकरण 2024 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप की राजनीतिक छवि को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है।
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं बल्कि एक संपूर्ण राजनीतिक व्यवस्था की नैतिकता और जवाबदेही पर सवाल खड़ा करता है।