सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की बिल मंजूरी में देरी के मामले में सुनवाई स्थगित की
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की बिल मंजूरी में देरी के मामले की सुनवाई स्थगित की। सुनवाई तब होगी जब संविधान पीठ राष्ट्रपति संदर्भ पर फैसला दे।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है, जिसमें सरकार ने बिलों की मंजूरी में देरी के मुद्दे को उठाया था। यह मामला तब उठाया गया जब राज्य सरकार ने आरोप लगाया कि राज्यपाल द्वारा बिलों को मंजूरी देने में अनावश्यक देरी हो रही है, जिससे प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहा है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस याचिका की सुनवाई केवल तब होगी जब संविधान पीठ (Constitution Bench) किसी राष्ट्रपति संदर्भ (Presidential Reference) पर अपना निर्णय दे दे। यह संदर्भ इस सवाल से जुड़ा है कि क्या सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल और राष्ट्रपति के लिए समय सीमा निर्धारित कर सकता है ताकि वे राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित बिलों पर कार्रवाई करें।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह मामला केंद्रीय और राज्य सरकारों के बीच संवैधानिक प्रक्रियाओं की व्याख्या से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ इस बात पर स्पष्ट निर्णय देगी कि क्या न्यायालय राज्यपाल और राष्ट्रपति की कार्रवाई पर नियंत्रण और समयसीमा तय कर सकता है।
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पंजाब सरकार का कहना है कि बिलों में देरी से न केवल प्रशासनिक समस्याएँ पैदा होती हैं बल्कि राजनीतिक और विकासात्मक योजनाओं पर भी असर पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिका को तब तक सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया जाएगा जब तक कि संविधान पीठ का निर्णय न आ जाए।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस संदर्भ में आने वाला निर्णय राज्य और केंद्र के बीच शक्तियों के संतुलन को स्पष्ट करेगा और भविष्य में राज्य बिलों की मंजूरी में होने वाली देरी पर न्यायालयिक दिशा-निर्देशों की नींव रखेगा।
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