सुप्रीम कोर्ट ने दी सलाह: थानों में CCTV की निगरानी के लिए बने नियंत्रण कक्ष
सुप्रीम कोर्ट ने थानों में CCTV फुटेज की निगरानी के लिए नियंत्रण कक्ष बनाने का सुझाव दिया। अदालत ने यह कदम हिरासत में मौत और पुलिस की जवाबदेही से जोड़ा।
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के पुलिस थानों में CCTV कैमरों की निगरानी को लेकर अहम सुझाव दिया है। कोर्ट ने कहा कि थानों में कैमरे तो लगाए जाते हैं, लेकिन उनकी निगरानी और रिकॉर्डिंग पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता। इस oversight को दूर करने के लिए नियंत्रण कक्ष (Control Rooms) बनाए जाने चाहिए, जहां से CCTV फुटेज की लगातार निगरानी की जा सके।
यह टिप्पणी कोर्ट ने उस समय की जब उसने राजस्थान पुलिस के खिलाफ आई एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान (suo motu) लिया। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि कथित हिरासत में मौत (custodial deaths) के मामलों में पुलिस द्वारा CCTV फुटेज उपलब्ध नहीं कराया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि CCTV कैमरों का उद्देश्य केवल तकनीकी औपचारिकता पूरी करना नहीं होना चाहिए, बल्कि इसका इस्तेमाल पुलिस थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए होना चाहिए। अदालत ने यह भी रेखांकित किया कि ऐसी व्यवस्था से हिरासत में होने वाले अत्याचार और मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
न्यायालय ने सरकार और संबंधित पुलिस प्रशासन से पूछा कि क्या वे इस तरह के नियंत्रण कक्ष बनाने और CCTV फुटेज की नियमित समीक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने को तैयार हैं। कोर्ट ने साफ किया कि यह केवल जवाबदेही बढ़ाने का कदम नहीं है, बल्कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट की इस पहल को लागू किया गया तो यह पुलिस सुधार की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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