सुप्रीम कोर्ट में वंतारा के बंदी हाथियों की वापसी पर याचिका सूचीबद्ध
सुप्रीम कोर्ट में वंतारा से बंदी हाथियों की वापसी और सभी जंगली जानवरों, पक्षियों को प्राकृतिक आवास में छोड़ने के लिए निगरानी समिति गठन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका को सूचीबद्ध किया है, जिसमें गुजरात स्थित वंतारा से बंदी बनाए गए हाथियों को उनके मालिकों के पास वापसी और वहां रखे गए सभी जंगली जानवरों व पक्षियों को जंगल में छोड़ने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया है कि एक स्वतंत्र निगरानी समिति का गठन किया जाए, जो इस पूरी प्रक्रिया की देखरेख करे और यह सुनिश्चित करे कि हाथियों को सुरक्षित रूप से उनके मूल मालिकों को लौटाया जाए। साथ ही, समिति को यह जिम्मेदारी भी दी जाए कि वंतारा में रखे गए अन्य सभी जंगली जानवरों और पक्षियों को उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाए, ताकि वे स्वतंत्र जीवन जी सकें।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि बंदी बनाए गए इन जानवरों और पक्षियों की कैद में जीवन-शैली उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। याचिकाकर्ता का कहना है कि वन्यजीव संरक्षण कानून और अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत किसी भी जंगली जानवर को अनावश्यक रूप से कैद में रखना अनुचित और अवैध है।
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सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर इस याचिका में कहा गया है कि यदि जानवरों को उनके प्राकृतिक पर्यावरण में वापस नहीं छोड़ा गया तो यह उनके अधिकारों और कल्याण के खिलाफ होगा। याचिकाकर्ता ने अदालत से अपील की है कि वन्यजीव संरक्षण और पशु कल्याण के सिद्धांतों के आधार पर शीघ्र हस्तक्षेप किया जाए।
अदालत ने मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है और केंद्र व राज्य सरकारों से जवाब मांगा है।
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