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ट्रंप के टैरिफ के असर से संकट में स्विस डेयरी उद्योग, किसानों के पास दूध की अधिकता

अमेरिका द्वारा स्विट्जरलैंड पर 39% टैरिफ लगाने के बाद अमेरिकी मांग घटने से स्विस डेयरी उद्योग संकट में है और किसानों को अतिरिक्त दूध की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस वर्ष अगस्त में स्विट्जरलैंड पर 39% टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने के फैसले का गहरा असर अब स्विस डेयरी उद्योग पर देखने को मिल रहा है। अमेरिकी बाजार में मांग घटने की आशंका के कारण स्विट्जरलैंड के पनीर और दूध उत्पादक किसानों को भारी आर्थिक झटका लगा है।

स्विट्जरलैंड के जुरा क्षेत्र में रहने वाले डेयरी किसान बोरिस ब्युरेट अपनी 60 से अधिक गायों की देखभाल करते हैं। इन गायों का दूध, जो स्थानीय घास से एक खास सुगंध और स्वाद प्राप्त करता है, पहले अमेरिका को भेजे जाने वाले स्विस चीज़ और चॉकलेट बनाने में उपयोग होता था।

लेकिन ट्रंप सरकार के टैरिफ बढ़ाने के बाद अमेरिकी मांग में भारी कमी आई है, जिसके कारण ब्युरेट जैसे किसानों को अब अपनी कुछ गायों को समय से पहले वध के लिए भेजना पड़ा है। उन्होंने कहा कि लगभग हर स्विस डेयरी किसान अब यही सोच रहा है कि क्या उसे भी यही कदम उठाना पड़ेगा।

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स्विस चीज़ उद्योग, जो पहले से ही ऊँची उत्पादन लागत और यूरोपीय प्रतिस्पर्धा से जूझ रहा था, अब अमेरिका से घटती मांग के कारण अतिरिक्त दूध के भंडारण और कम दामों पर बिक्री की चुनौती का सामना कर रहा है।

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो यह स्विट्जरलैंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और रोजगार पर गंभीर असर डाल सकती है।

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