सीरिया में अलावी मस्जिद बम धमाके के बाद हिंसक प्रदर्शन, कम से कम तीन की मौत
सीरिया के लताकिया में अलावी मस्जिद बम धमाके के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों में तीन लोगों की मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में मस्जिद के अंदर विस्फोटक लगाए जाने के संकेत मिले हैं।
सीरिया में अलावी समुदाय के बहुल इलाकों में हालात एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए हैं। रविवार (28 दिसंबर, 2025) को लताकिया प्रांत में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़पों में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई।
यह हिंसा होम्स शहर में 26 दिसंबर को हुई एक अलावी मस्जिद में बम धमाके के बाद भड़की। अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि मस्जिद के अंदर विस्फोटक उपकरण लगाए गए थे। हालांकि, अब तक इस हमले के लिए किसी संदिग्ध की सार्वजनिक रूप से पहचान नहीं की गई है। धमाके में कई लोगों के हताहत होने की खबरों के बाद अलावी समुदाय में गहरा आक्रोश फैल गया, जिसके चलते लताकिया और आसपास के इलाकों में प्रदर्शन शुरू हो गए।
सीरिया पिछले एक साल से सांप्रदायिक हिंसा के कई दौरों से गुजर रहा है। लंबे समय तक सत्ता में रहे राष्ट्रपति बशर अल-असद, जो मुस्लिम अलावी अल्पसंख्यक समुदाय से आते थे, को पिछले साल एक विद्रोही अभियान के जरिए सत्ता से हटा दिया गया था। इसके बाद देश में एक सुन्नी नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई। सत्ता परिवर्तन के बाद से विभिन्न समुदायों के बीच तनाव और हिंसक घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
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लताकिया, जिसे अलावी समुदाय का गढ़ माना जाता है, वहां हाल की घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अधिकारियों का कहना है कि मस्जिद धमाके की जांच जारी है और दोषियों को जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
विश्लेषकों का मानना है कि हालिया घटनाएं सीरिया में जारी सांप्रदायिक विभाजन को और गहरा कर सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी सीरिया में बढ़ती हिंसा पर चिंता जताते हुए सभी पक्षों से संयम बरतने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।
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