ताइवान ने रक्षा खर्च को जीडीपी का 5% तय किया
ताइवान ने जीडीपी का 5% रक्षा खर्च का लक्ष्य रखा। राष्ट्रपति लाइ ने चीन के बढ़ते खतरे के बीच सुरक्षा मजबूत करने और अमेरिकी समर्थन पर निर्भरता कम करने का उद्देश्य बताया।
ताइवान की राष्ट्रपति लाइ ने देश के रक्षा खर्च को जीडीपी के 5% तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस निर्णय का उद्देश्य चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के मद्देनजर ताइवान की सुरक्षा को और मजबूत बनाना है। राष्ट्रपति लाइ ने यह भी कहा कि ताइवान ने पिछले दशक में सैन्य उपकरण और हथियारों पर खर्च बढ़ाया है, लेकिन अब भी अमेरिका पर काफी हद तक निर्भर है ताकि चीन के किसी संभावित हमले को रोका जा सके।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ताइवान की यह पहल क्षेत्रीय स्थिरता के लिहाज से महत्वपूर्ण है। चीन ने लगातार ताइवान के आसपास अपने सैन्य अभ्यास बढ़ाए हैं और द्वीप पर दबाव डालने की कोशिश की है। ताइवान की सरकार का कहना है कि पर्याप्त रक्षा बजट सुनिश्चित करने से देश की सुरक्षा क्षमता और युद्ध तैयारियों में सुधार होगा।
राष्ट्रपति लाइ ने कहा कि यह निवेश केवल सामरिक जरूरतों के लिए नहीं, बल्कि ताइवान की तकनीकी और सैन्य नवाचार क्षमताओं को भी मजबूत करने के लिए किया जा रहा है। इससे आधुनिक हथियार प्रणालियों और रक्षा प्रणालियों के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
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विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका के समर्थन के बावजूद, ताइवान को अपनी रक्षा क्षमता को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है। जीडीपी का 5% रक्षा बजट के रूप में आवंटित करना ताइवान के लिए यह संदेश है कि वह किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार है।
इस कदम से ताइवान की सैन्य ताकत बढ़ेगी और क्षेत्रीय देशों के बीच चीन के आक्रामक रुख के प्रति एक स्पष्ट संकेत जाएगा।
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