तालिबान ने पाकिस्तान पर निर्भरता खत्म करने के लिए व्यापारियों को 3 महीने का अल्टीमेटम दिया
तालिबान ने पाकिस्तान पर व्यापारिक निर्भरता खत्म करने के लिए व्यापारियों को 3 महीने का समय दिया। पाकिस्तान-अफगान सीमा बंद होने से दोनों देशों में आर्थिक नुकसान बढ़ा।
अफगानिस्तान के उप प्रधानमंत्री (आर्थिक मामलों) मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने व्यापारियों को निर्देश दिया है कि वे पाकिस्तान पर व्यापारिक निर्भरता कम करें और अन्य देशों के रास्तों का उपयोग करें।
काबुल में आयोजित कॉन्फ्रेंस में बरादर ने कहा कि यह कदम देश की गरिमा की रक्षा के लिए उठाया गया है, क्योंकि पाकिस्तान बार-बार व्यापार मार्गों को अवरुद्ध करता रहा है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय अफगानिस्तान के व्यापार, उद्योग और नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
तालिबान सरकार ने तीन महीने की समय सीमा तय की है, जिसके भीतर व्यापारियों को वैकल्पिक व्यापार मार्ग स्थापित करने होंगे। बरादर ने स्पष्ट किया कि इसके बाद वित्त मंत्रालय पाकिस्तान से आयातित दवाओं पर टैक्स नहीं लगाएगा और न ही उन्हें अनुमति देगा।
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व्यापारियों को निर्देश दिया गया है कि वे पाकिस्तान से आने वाले आयात को अन्य देशों से प्रतिस्थापित करें, विशेषकर दवाओं और उपभोक्ता वस्तुओं को।
गौरतलब है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 11 अक्टूबर से सीमा बंद है, जब दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं, जिनमें कई लोगों की मौत हुई।
उधर, पाकिस्तान के व्यापारिक संगठनों ने सरकार से अपील की है कि सीमा चौकियां खोली जाएं, क्योंकि इससे नाशवान वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला बुरी तरह प्रभावित हो रही है। ऑल पाकिस्तान मार्केट्स फेडरेशन के अध्यक्ष मलिक सोहनी ने बताया कि हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं और सैकड़ों ट्रक फलों व सब्जियों से लदे सीमा पर फंसे हैं। उन्होंने कहा, “दुनिया के कई देशों में दुश्मनी के बावजूद व्यापारिक रास्ते खुले रखे जाते हैं।”
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