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बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा: स्वदेश वापसी के बाद बीएनपी नेता तारिक रहमान

17 साल बाद बांग्लादेश लौटे बीएनपी नेता तारिक रहमान ने राजनीतिक अस्थिरता के बीच देशवासियों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने और सुरक्षित बांग्लादेश के निर्माण के लिए एकजुट होने की अपील की।

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान ने 17 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद बांग्लादेश लौटने के कुछ ही घंटों के भीतर देशवासियों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एकजुट होने की अपील की है। गुरुवार (25 दिसंबर 2025) को ढाका पहुंचने के बाद उन्होंने राजधानी के जुलाई 36 एक्सप्रेसवे पर एक विशाल जनसभा को संबोधित किया।

तारिक रहमान ने कहा, “हम चाहे किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े हों, किसी भी धर्म को मानते हों या फिर गैर-राजनीतिक नागरिक हों, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।” उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब बांग्लादेश युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद एक बार फिर अशांति और राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। शरीफ हादी पिछले वर्ष हुए उन बड़े जन आंदोलनों का प्रमुख चेहरा थे, जिनके चलते शेख हसीना सरकार का पतन हुआ था।

60 वर्षीय तारिक रहमान, बीमार पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी अध्यक्ष खालिदा जिया के पुत्र हैं और आगामी आम चुनावों में प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। अपने भाषण में उन्होंने अमेरिकी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता मार्टिन लूथर किंग के प्रसिद्ध कथन “आई हैव अ ड्रीम” का उल्लेख करते हुए कहा, “मेरे पास अपने देश और अपने लोगों के लिए एक स्पष्ट योजना है।”

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उन्होंने कहा कि यह योजना देश के विकास, जनता के हित और राष्ट्र के भविष्य को बदलने के लिए है। इसे लागू करने के लिए उन्हें देशवासियों के सहयोग की आवश्यकता है। तारिक रहमान ने एक सुरक्षित बांग्लादेश बनाने की बात कही, जहां जाति, धर्म और आस्था से परे हर नागरिक शांति और सुरक्षा के साथ जीवन जी सके।

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश पहाड़ों और मैदानों में बसे विभिन्न समुदायों — मुस्लिम, हिंदू, बौद्ध और ईसाई — का देश है और सभी के लिए समान सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है।

उनकी एकजुटता की अपील ऐसे समय आई है, जब आगामी चुनावों में बीएनपी की पूर्व सहयोगी जमात-ए-इस्लामी उसकी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरी है। अंतरिम सरकार द्वारा कड़े आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग को चुनाव से बाहर किए जाने के बाद बीएनपी को सत्ता की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है।

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