H-1B वीज़ा विवाद: ट्रंप प्रशासन ने $100,000 शुल्क से छूट पाने वालों की सूची जारी की
ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अमेरिका में रह रहे एच-1बी वीज़ा आवेदकों को $100,000 शुल्क से छूट मिलेगी, जबकि केवल नई विदेशी याचिकाओं पर यह शुल्क लागू होगा।
अमेरिका के एच-1बी वीज़ा कार्यक्रम से जुड़ी बड़ी राहत की खबर आई है। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने स्पष्ट किया है कि जो अंतरराष्ट्रीय कॉलेज स्नातक वर्तमान में अमेरिका में हैं और एच-1बी वीज़ा के लिए प्रायोजित किए गए हैं, उन्हें हाल ही में लगाए गए $100,000 शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। यह दिशा-निर्देश ट्रंप प्रशासन द्वारा सितंबर 2025 में जारी विवादास्पद राष्ट्रपति घोषणा के बाद आया है, जिसने नियोक्ताओं और वीज़ा धारकों के बीच भ्रम पैदा कर दिया था।
20 अक्टूबर को जारी गाइडलाइन में USCIS ने बताया कि यह शुल्क “स्टेटस परिवर्तन” (जैसे छात्र वीज़ा F-1 से H-1B में परिवर्तन) या देश के भीतर वीज़ा विस्तार के मामलों में लागू नहीं होगा। हालांकि, जिन कर्मचारियों को अमेरिका के बाहर से आवेदन करना होगा या जिन्हें याचिका स्वीकृति से पहले देश छोड़ना होगा, उन्हें यह शुल्क देना पड़ेगा।
एजेंसी ने यह भी कहा कि वर्तमान H-1B वीज़ा धारकों को अमेरिका आने-जाने में कोई रोक नहीं होगी। यह शुल्क केवल 21 सितंबर 2025 के बाद दायर नई याचिकाओं पर लागू होगा, जो देश के बाहर स्थित आवेदकों के लिए होंगी।
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ट्रंप प्रशासन ने एक ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया है जिसके माध्यम से यह शुल्क भरा जा सकेगा। हालांकि प्रशासन ने किसी श्रेणी को सामूहिक छूट देने का संकेत नहीं दिया, लेकिन कहा गया कि नियोक्ता “राष्ट्रीय हित” के आधार पर छूट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
नई गाइडलाइन से अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों और पेशेवरों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि उन्हें इस भारी शुल्क से छूट दी गई है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह शुल्क कार्यक्रम के दुरुपयोग को रोकने के लिए लगाया गया है, हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इससे अमेरिकी उद्योगों को नुकसान हो सकता है।
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