ट्रंप ने एंटिफा आंदोलन को मुख्य आतंकवादी संगठन घोषित किया
ट्रंप ने एंटिफा आंदोलन को आतंकवादी संगठन घोषित किया। कानूनी विशेषज्ञों ने इसे चुनौतीपूर्ण बताया। आलोचक इसे राजनीतिक कदम मानते हैं, जबकि समर्थक इसे सुरक्षा के लिए जरूरी ठहराते हैं।
अमेरिकी राजनीति में एक बड़ा कदम उठाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एंटिफा (Antifa) आंदोलन को ‘मुख्य आतंकवादी संगठन’ के रूप में नामित कर दिया है। एंटिफा एक विकेन्द्रीकृत आंदोलन है, जो मुख्य रूप से फासीवाद, नस्लवाद और अति-दक्षिणपंथी विचारधारा का विरोध करता है। इसकी कोई औपचारिक संरचना या नेतृत्व नहीं है, बल्कि यह स्थानीय समूहों और कार्यकर्ताओं के सहयोग से संचालित होता है।
ट्रंप के इस फैसले ने अमेरिका में तीखी बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों और कानूनी विश्लेषकों का कहना है कि किसी ढीले-ढाले, विकेन्द्रीकृत आंदोलन को आतंकवादी संगठन घोषित करना कानूनी रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अब तक प्रशासन ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इसे किस आधार पर आतंकवादी गतिविधियों में वर्गीकृत किया जाएगा और इस पर अमल कैसे होगा। व्हाइट हाउस की ओर से भी तत्काल कोई अतिरिक्त जानकारी साझा नहीं की गई।
आलोचकों का आरोप है कि ट्रंप का यह कदम राजनीतिक रूप से प्रेरित है और इसे घरेलू विरोध प्रदर्शनों को दबाने की रणनीति के तौर पर देखा जा सकता है। वहीं, ट्रंप समर्थकों का मानना है कि एंटिफा की गतिविधियाँ देश की कानून-व्यवस्था और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं, इसलिए कठोर कदम उठाना जरूरी है।
अमेरिका में पहले भी एंटिफा को लेकर विवाद होते रहे हैं, खासकर जब यह आंदोलन बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों और हिंसक झड़पों में शामिल रहा है। लेकिन पहली बार किसी प्रशासन ने इसे आतंकवादी संगठन का दर्जा देने की घोषणा की है। इससे न केवल राजनीतिक माहौल और गरमा सकता है, बल्कि आने वाले चुनावों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।
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