दुर्लभ खनिजों की खोज में ट्रंप ने मध्य एशियाई देशों से बढ़ाया सहयोग, चीन पर निर्भरता घटाने की रणनीति
राष्ट्रपति ट्रंप ने मध्य एशियाई देशों के नेताओं से मुलाकात कर चीन पर निर्भरता घटाने और दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला मजबूत करने की नई रणनीति पर चर्चा की।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार (6 नवंबर 2025) को व्हाइट हाउस में मध्य एशिया के पांच देशों — कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान — के नेताओं की मेजबानी की। इस बैठक का उद्देश्य चीन पर निर्भरता घटाते हुए दुर्लभ खनिजों (Rare Earth Metals) की नई आपूर्ति श्रृंखला तैयार करना था, जो स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहन और लड़ाकू विमानों जैसे उच्च-तकनीकी उपकरणों के लिए आवश्यक हैं।
ट्रंप ने नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें और फिर कार्यकारी डिनर किया। उन्होंने कहा, “ये देश कभी प्राचीन रेशम मार्ग (Silk Road) के केंद्र थे, जो पूर्व और पश्चिम को जोड़ता था। लेकिन पिछले अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने इस क्षेत्र की पूरी तरह अनदेखी की।”
यह बैठक ऐसे समय हुई जब चीन ने दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंधों को एक वर्ष के लिए टालने की घोषणा की थी। वर्तमान में चीन विश्व के लगभग 70% दुर्लभ खनिजों का उत्पादन और 90% प्रसंस्करण नियंत्रित करता है।
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ट्रंप प्रशासन अब इन संसाधनों के लिए वैकल्पिक साझेदार खोज रहा है। मध्य एशिया में दुर्लभ खनिजों और यूरेनियम के गहरे भंडार हैं, लेकिन उन्हें विकसित करने के लिए निवेश की आवश्यकता है।
अमेरिकी सीनेटरों ने हाल ही में सोवियत-युग के व्यापार प्रतिबंधों को हटाने का प्रस्ताव रखा है ताकि अमेरिकी निवेश बढ़ाया जा सके। ट्रंप ने कहा, “हम इन देशों को उनके भविष्य का निर्णय स्वयं करने का अवसर देना चाहते हैं।”
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