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ट्रंप की 21 सूत्रीय गाज़ा शांति योजना: बंधकों की रिहाई से लेकर भविष्य की हुकूमत तक

ट्रंप प्रशासन ने गाज़ा के लिए 21 सूत्रीय शांति योजना रखी। इसमें बंधकों की त्वरित रिहाई, इज़राइली वापसी और अंतरराष्ट्रीय निगरानी का प्रस्ताव, जबकि इज़राइली दक्षिणपंथी गुट कड़ा विरोध कर रहे हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने गाज़ा संकट के समाधान के लिए 21 सूत्रीय शांति योजना पेश की है। सूत्रों के अनुसार, इस ब्लूप्रिंट में प्रमुख बिंदु यह है कि हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों को समझौते के 48 घंटे के भीतर रिहा किया जाए। इसके साथ ही युद्ध समाप्त होने के बाद गाज़ा के भविष्य की शासन व्यवस्था का खाका भी तैयार किया गया है।

ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि समझौता “बहुत करीब” है। इससे पहले उनके दूत ने भी “महत्वपूर्ण प्रगति” की संभावना जताई थी। योजना के तहत इज़राइली सेना गाज़ा से चरणबद्ध ढंग से पीछे हटेगी, जबकि हमास को भविष्य की किसी भी शासन व्यवस्था से बाहर रखा जाएगा। प्रस्तावित ढांचे में दो स्तर की अंतरिम हुकूमत होगी — एक अंतरराष्ट्रीय निकाय और एक फ़िलिस्तीनी समिति।

हालांकि, यह योजना इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें फ़िलिस्तीनी राज्य की आकांक्षा को मान्यता दी गई है। नेतन्याहू और उनकी दक्षिणपंथी सरकार इसका विरोध करती रही है। नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी दोहराया कि “यरुशलम से एक मील दूर फ़िलिस्तीनी राज्य देना वैसा ही है, जैसे 9/11 के बाद न्यूयॉर्क से एक मील दूर अल-कायदा को राज्य देना।”

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योजना के मसौदे को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान क़तर, सऊदी अरब, मिस्र, तुर्की, पाकिस्तान सहित कई मुस्लिम देशों के नेताओं के साथ साझा किया गया। ट्रंप ने इसे अपना “सबसे महत्वपूर्ण बैठक” बताया।

इस बीच, इज़राइली सेना ने गाज़ा सिटी में हमले तेज़ कर दिए हैं। सेना के अनुसार 7 लाख से अधिक लोग शहर छोड़ चुके हैं, जबकि अस्पतालों ने सप्ताहांत में कम से कम 96 मौतों की पुष्टि की है। टैंकों, ड्रोन और रोबोटिक वाहनों के इस्तेमाल से इज़राइल गाज़ा में अपनी पकड़ मज़बूत करने की कोशिश कर रहा है।

योजना पर नेतन्याहू की दक्षिणपंथी सहयोगी पार्टियों का कड़ा विरोध सामने आया है। चरमपंथी मंत्रियों ने धमकी दी है कि अगर युद्ध रोका गया और हमास का पूर्ण सफाया नहीं हुआ तो वे सरकार गिरा देंगे। विपक्षी नेता यैर लापिड ने हालांकि अमेरिका को आश्वासन दिया है कि अगर नेतन्याहू को अपनी गठबंधन से विरोध झेलना पड़ा, तो वह संसद में बंधक सौदे और युद्धविराम के पक्ष में सरकार को समर्थन देंगे।

ट्रंप और नेतन्याहू की मुलाक़ात सोमवार को वॉशिंगटन में होनी है। ट्रंप ने ज़ोर दिया कि इन बातचीतों का मक़सद बंधकों को वापस लाना और “स्थायी व दीर्घकालिक शांति” स्थापित करना है।

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