ट्रंप ने भारत–पाक संघर्षविराम दावे को दोहराया, कहा कि 200% शुल्क की धमकी दी थी
ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाक संघर्षविराम के लिए 200% टैरिफ से दबाव बनाया। भारत ने इसे खारिज किया और कहा कि इसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम को लेकर अपने दावे को दोहराया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने दोनों देशों को समझौते के लिए मजबूर करने हेतु 200% टैरिफ (शुल्क) लागू करने की धमकी दी थी। ट्रंप के अनुसार, इस कदम से दोनों पक्षों के बीच तनाव कम हुआ और सीमाओं पर लड़ाई रोकने में मदद मिली।
हालांकि, भारत ने इस दावे को कई बार खारिज किया है। नई दिल्ली ने स्पष्ट किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी संघर्षविराम या सीमा पर स्थिति सुधार में ट्रंप या अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि भारत अपने निर्णय स्वयं लेता है और किसी भी विदेशी दबाव को स्वीकार नहीं करता।
ट्रंप ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब वह फिर से राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने अपनी भूमिका को अंतरराष्ट्रीय शांति के प्रयासों के रूप में पेश किया है, जबकि भारत–पाकिस्तान संबंधों में सुधार मुख्य रूप से द्विपक्षीय संवाद और घरेलू नीतियों के आधार पर हुआ।
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विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप का यह बयान उनकी विदेश नीति की शैली और अपने नेतृत्व को वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली दिखाने की कोशिश का हिस्सा माना जा सकता है। भारत ने बार-बार यह दोहराया है कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप के बिना ही उसने पाकिस्तान के साथ अपने रणनीतिक और कूटनीतिक संबंधों का संतुलन बनाए रखा।
इस विवाद ने अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक दृष्टिकोण में भिन्नता को उजागर किया है और यह दिखाया है कि ऐतिहासिक घटनाओं की व्याख्या कई दृष्टिकोणों से की जा सकती है।