ट्रंप ने ग्रीन कार्ड लॉटरी कार्यक्रम निलंबित किया, ब्राउन यूनिवर्सिटी और MIT शूटिंग के आरोपी के अमेरिका आने पर उठा विवाद
ब्राउन यूनिवर्सिटी और MIT शूटिंग के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने ग्रीन कार्ड लॉटरी कार्यक्रम निलंबित किया, जिससे अमेरिका की आव्रजन नीति और सुरक्षा जांच पर नई बहस शुरू हो गई है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार (18 दिसंबर 2025) को ग्रीन कार्ड लॉटरी कार्यक्रम को निलंबित कर दिया। यह वही कार्यक्रम है, जिसके तहत ब्राउन यूनिवर्सिटी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में हुई गोलीबारी के संदिग्ध को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति मिली थी। इस फैसले के बाद अमेरिका की आव्रजन नीति पर एक बार फिर बहस तेज हो गई है।
गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर उन्होंने यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) को इस कार्यक्रम को अस्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया है। उन्होंने संदिग्ध के बारे में कहा, “इस जघन्य व्यक्ति को कभी भी हमारे देश में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए थी।”
पुर्तगाल के नागरिक क्लाउडियो नेवेस वालेंटे (48) पर ब्राउन यूनिवर्सिटी में गोलीबारी का आरोप है, जिसमें दो छात्रों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हुए। इसके अलावा, MIT के एक प्रोफेसर की हत्या में भी उसी पर संदेह जताया गया है। अधिकारियों के अनुसार, वालेंटे गुरुवार शाम स्वयं को गोली मारने से मृत पाया गया।
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अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि वालेंटे को वर्ष 2017 में वैध स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) का दर्जा मिला था। विविधता वीजा (डाइवर्सिटी वीजा) कार्यक्रम के तहत हर साल लगभग 50,000 ग्रीन कार्ड उन देशों के नागरिकों को दिए जाते हैं, जिनकी अमेरिका में संख्या अपेक्षाकृत कम है। यह कार्यक्रम कांग्रेस द्वारा बनाया गया था और इसके निलंबन को लेकर कानूनी चुनौतियां सामने आ सकती हैं।
2025 की वीजा लॉटरी के लिए करीब दो करोड़ लोगों ने आवेदन किया था, जिनमें से 1.31 लाख से अधिक लोगों का चयन हुआ। हालांकि, पुर्तगाल के नागरिकों को केवल 38 स्लॉट मिले थे। लॉटरी जीतने के बाद आवेदकों को सख्त जांच और साक्षात्कार प्रक्रिया से गुजरना होता है।
डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से इस लॉटरी कार्यक्रम के विरोधी रहे हैं। वह बड़े पैमाने पर निर्वासन की नीति के साथ-साथ वैध आव्रजन के रास्तों को सीमित करने के प्रयास करते रहे हैं। हाल ही में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने जन्मसिद्ध नागरिकता (बर्थराइट सिटिजनशिप) से जुड़ी उनकी चुनौती पर सुनवाई के लिए सहमति दी है।
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