अमेरिकी सीनेटर का दावा: ट्रंप के टैरिफ ने भारत को चीन और रूस के करीब धकेला
अमेरिकी सीनेटर डिक डर्बिन ने कहा कि ट्रंप के टैरिफ निर्णयों ने भारत को चीन और रूस के करीब ला दिया है, जिससे वैश्विक भू-राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं।
अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता और सीनेट के व्हिप डिक डर्बिन ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों ने भारत को चीन और रूस के और अधिक करीब ला दिया है। डर्बिन का कहना है कि इन नीतियों के कारण अमेरिका और भारत के बीच पारंपरिक सहयोग को नुकसान पहुंचा है और वैश्विक शक्ति संतुलन पर भी इसका गहरा असर पड़ा है।
डर्बिन ने जोर देकर कहा कि भारत जैसे महत्वपूर्ण साझेदार को आर्थिक दबाव में डालना अमेरिका की दीर्घकालिक विदेश नीति के हित में नहीं है। उनके अनुसार, ट्रंप प्रशासन के दौरान लगाए गए आयात शुल्क और व्यापारिक बाधाओं ने भारत को वैकल्पिक सहयोगियों की तलाश करने पर मजबूर किया, जिसमें चीन और रूस के साथ उसके रिश्ते और प्रगाढ़ हुए।
उन्होंने कहा कि जब अमेरिका को भारत के साथ संबंध मजबूत करने की जरूरत थी, तब ट्रंप की आर्थिक नीतियों ने दूरी पैदा कर दी। डर्बिन ने यह भी चेतावनी दी कि अगर भविष्य में भी ऐसी नीतियां जारी रहीं तो यह अमेरिका की एशिया रणनीति के लिए चुनौती साबित होगी।
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विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की विदेश नीति हमेशा से बहुध्रुवीय रही है, जहां वह अपने हितों के अनुसार अमेरिका, रूस और चीन के बीच संतुलन साधने की कोशिश करता है। लेकिन अमेरिका की संरक्षणवादी नीतियों ने इस संतुलन को और अधिक जटिल बना दिया है।
इस बीच, भारत ने भी हाल के वर्षों में रूस के साथ रक्षा सौदों और चीन के साथ आर्थिक सहयोग को बढ़ावा दिया है। डर्बिन का बयान अमेरिकी राजनीति में इस बहस को और गहरा कर सकता है कि ट्रंप की व्यापार नीतियों ने अमेरिका के वैश्विक साझेदारों पर क्या असर डाला।
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