तुर्की ने इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ नरसंहार का वारंट जारी किया
तुर्की ने गाज़ा युद्ध में नरसंहार के आरोप में इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू समेत 37 अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए, जबकि इज़राइल ने इसे राजनीतिक चाल बताया।
तुर्की ने शुक्रवार (8 नवंबर 2025) को इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गाज़ा युद्ध के दौरान कथित नरसंहार के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। तुर्की ने इन अधिकारियों पर "गाज़ा में व्यवस्थित रूप से किए गए नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों" का आरोप लगाया है।
इस्तांबुल अभियोजक कार्यालय ने बताया कि कुल 37 संदिग्धों के खिलाफ यह गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं, जिनमें इज़राइल के रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़, राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन गवीर और सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एयाल ज़ामिर शामिल हैं।
इज़राइल ने इन आरोपों को सख्ती से खारिज करते हुए इसे तुर्की राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान की “राजनीतिक चाल” बताया है। इज़राइल के विदेश मंत्री गिदोन साअर ने कहा कि “इर्दोगान की तुर्की में न्यायपालिका राजनीतिक विरोधियों, पत्रकारों और महापौरों को चुप कराने का साधन बन चुकी है।”
तुर्की ने अपने बयान में “तुर्की-फिलिस्तीनी मैत्री अस्पताल” का भी उल्लेख किया, जिसे मार्च में इज़राइल द्वारा बमबारी में नष्ट कर दिया गया था। यह अस्पताल गाज़ा में तुर्की द्वारा बनाया गया था।
गौरतलब है कि तुर्की पहले भी दक्षिण अफ्रीका द्वारा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में दायर इज़राइल के खिलाफ नरसंहार मामले में शामिल हो चुका है। वहीं, इस्लामी समूह हमास ने तुर्की के इस कदम की सराहना करते हुए इसे “न्याय और मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का उदाहरण” बताया।
इज़राइल ने इन सभी आरोपों को “झूठा” और “यहूदी-विरोधी” करार दिया है।
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