डेटा उल्लंघन मामले में हजारों अफगानों को नहीं मिलेगा ब्रिटेन से मुआवज़ा
ब्रिटेन सरकार ने स्पष्ट किया है कि डेटा उल्लंघन के शिकार हजारों अफगानों को मुआवज़ा नहीं दिया जाएगा, जिससे इनकी सुरक्षा और जीवन पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
ब्रिटेन में हुए एक बड़े डेटा उल्लंघन (Data Breach) मामले में, सरकार ने कहा है कि हजारों अफगानों को मुआवज़ा नहीं दिया जाएगा, जिनकी जान और सुरक्षा इस लापरवाही से खतरे में पड़ गई थी। यह डेटा उन अफगानों से जुड़ा था, जिन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद ब्रिटेन से शरण मांगी थी।
2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सेनाओं की वापसी के बाद, ब्रिटेन ने अफगान नागरिकों को सुरक्षा देने के लिए ARAP (Afghan Relocations and Assistance Policy) नामक योजना शुरू की थी। लेकिन इसी योजना के तहत एक ईमेल त्रुटि के कारण हजारों अफगानों की पहचान उजागर हो गई, जिससे उन्हें तालिबान की प्रतिशोध की कार्रवाई का सामना करना पड़ा।
अब ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि केवल कुछ ही मामलों में मुआवज़ा दिया जाएगा, जहां यह साबित हो सके कि व्यक्ति को सीधा नुकसान हुआ है। बाकी हजारों अफगानों को कोई मुआवज़ा नहीं मिलेगा।
मानवाधिकार संगठनों और पूर्व सैनिकों ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह उन लोगों के साथ अन्याय है जिन्होंने अफगानिस्तान में ब्रिटिश सेना के लिए जोखिम उठाया और अब उन्हें उनकी गलती की कीमत चुकानी पड़ रही है।
यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि शरणार्थियों और सहयोगियों की सुरक्षा के वादे किस हद तक खोखले साबित हो सकते हैं।