अमेरिकी वायुसेना से अलग हो रहे ट्रांसजेंडर सैनिकों को पेंशन नहीं देगी सरकार
अमेरिकी वायुसेना ने ट्रांसजेंडर सैनिकों को सेवा से अलग करने पर पेंशन न देने का निर्णय लिया। प्रभावित सैनिकों ने इसे अपमानजनक और भेदभावपूर्ण बताते हुए कड़ी आलोचना की।
अमेरिकी वायुसेना ने घोषणा की है कि सेवा से अलग किए जा रहे ट्रांसजेंडर सैनिकों को सेवानिवृत्ति भुगतान (रिटायरमेंट पेंशन) नहीं दिया जाएगा। इस फैसले ने प्रभावित सैनिकों में गहरी नाराज़गी और चिंता पैदा कर दी है।
Military.com की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रांसजेंडर सैनिकों ने बताया कि पूरी सेवा-समाप्ति प्रक्रिया उनके लिए “मानवता को ठेस पहुंचाने वाली” और “खुली क्रूरता” जैसी महसूस हो रही है। इस प्रक्रिया में उनके सेवा रिकॉर्ड को जन्म के समय दर्ज लिंग में बदलना भी शामिल है, जिसे कई सैनिकों ने अपमानजनक बताया।
कुछ सैनिकों का कहना है कि यह कदम न केवल आर्थिक रूप से उन्हें नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि उनके वर्षों की सेवा और बलिदान को भी नज़रअंदाज़ करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति भेदभावपूर्ण है और ट्रांसजेंडर समुदाय को सैन्य सेवा से हतोत्साहित करने का प्रयास है।
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अमेरिकी वायुसेना के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम मौजूदा सैन्य नियमों और पात्रता मानदंडों के अनुसार उठाया गया है। उनके अनुसार, केवल वे सैनिक जो पूरी सेवा अवधि और सभी पात्रता शर्तों को पूरा करते हैं, वही सेवानिवृत्ति लाभ पाने के हकदार हैं।
मानवाधिकार संगठनों और LGBTQ+ अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस नीति की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह फैसला ट्रांसजेंडर सैनिकों के अधिकारों का उल्लंघन है और उन्हें अनुचित तरीके से निशाना बनाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस विवाद से अमेरिकी सेना में ट्रांसजेंडर भर्ती और उनकी सेवा के नियमों पर एक बार फिर राष्ट्रीय बहस छिड़ सकती है।
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