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अमेरिका ने कहा—भारत को मनाना सबसे मुश्किल, ट्रेड डील पर अटकी बातचीत

अमेरिका ने माना कि भारत के साथ ट्रेड डील कठिन बनी हुई है। उच्च टैरिफ और कृषि अवरोध मुख्य बाधाएं हैं, पर बातचीत जारी है और USTR टीम नई दिल्ली में समाधान खोज रही है।

अमेरिका के यूएस ट्रेड रिप्रेज़ेंटेटिव जेमीसन ग्रीयर ने माना है कि भारत के साथ व्यापार समझौता (ट्रेड डील) हासिल करना अभी भी बड़ी चुनौती बना हुआ है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को भारत से “इतना अच्छा प्रस्ताव पहले कभी नहीं मिला,” फिर भी डील को अंतिम रूप देने में मुश्किलें बनी हुई हैं।

ग्रीयर ने यह बयान मंगलवार को सीनेट एपरोप्रिएशंस सबकमेटी की सुनवाई के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि “भारत काफी आगे बढ़कर बातचीत कर रहा है,” लेकिन साथ ही उन्होंने भारत को “बहुत कठिन नट (समस्या) जिसे तोड़ना मुश्किल है” करार दिया। उनका कहना है कि प्रस्ताव मजबूत है, लेकिन संवेदनशील कृषि संबंधी मुद्दों पर सहमति बन पाना आसान नहीं है।

उन्होंने यह भी बताया कि इसी समय अमेरिकी USTR की एक टीम नई दिल्ली में मौजूद है, जो कृषि क्षेत्र से जुड़े अवरोधों पर बातचीत कर रही है। ये वही मुद्दे हैं, जो लंबे समय से व्यापार समझौते की राह में रुकावट बने हुए हैं।

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ट्रम्प प्रशासन के तहत अगस्त 2025 में लिए गए एक फैसले के बाद, भारत और ब्राज़ील दोनों पर 50 प्रतिशत के उच्चतम शुल्क लगाए गए थे। यह अब भी दोनों देशों के साथ तनाव का बड़ा कारण है। भारत लंबे समय से इन टैरिफ को व्यापारिक बाधा मानते हुए समीक्षा की मांग कर रहा है।

ग्रीयर ने स्वीकार किया कि अमेरिका चाहता है कि भारत वैश्विक व्यापार ढांचे में और अधिक खुलापन दिखाए, विशेष रूप से कृषि उत्पादों और बाजार पहुंच (मार्केट एक्सेस) को लेकर। लेकिन उन्होंने जोड़ा कि बातचीत जारी है और उम्मीद है कि दोनों देश निकट भविष्य में किसी साझा समाधान पर पहुंचेंगे।

उन्होंने भरोसा जताया कि “भारत-अमेरिका व्यापार संबंध रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं और दोनों ही देश एक सकारात्मक परिणाम चाहते हैं।”

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