अब तक के सबसे बेहतर प्रस्ताव: भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर अमेरिकी अधिकारी का बड़ा बयान
अमेरिकी अधिकारी जेमिसन ग्रीयर ने कहा कि भारत ने अमेरिकी कृषि उत्पादों के लिए अब तक के सबसे बेहतर प्रस्ताव दिए हैं। दोनों देश व्यापक व्यापार वार्ताओं में तेजी से प्रगति कर रहे हैं।
अमेरिका भारत के साथ गहन व्यापार वार्ताओं को आगे बढ़ा रहा है। अमेरिकी ट्रेड प्रतिनिधि (USTR) के अधिकारी जेमिसन ग्रीयर ने सीनेट समिति की सुनवाई के दौरान कहा कि भारत ने अमेरिकी कृषि उत्पादों—जैसे ज्वार (grain sorghum) और सोया—के लिए अब तक के “सबसे बेहतर प्रस्ताव” दिए हैं। उन्होंने बताया कि USTR की टीम इस समय नई दिल्ली में मौजूद है और संवेदनशील कृषि अवरोधों पर बातचीत कर रही है।
ग्रीयर ने स्वीकार किया कि भारत कुछ फसलों को लेकर प्रतिरोध दिखा रहा है, लेकिन उन्होंने कहा कि इस बार भारत की ओर से असामान्य रूप से सकारात्मक और आगे बढ़कर प्रस्ताव आए हैं। उन्होंने कहा कि चीन में मांग घटने और अमेरिकी उत्पादकों के पास बढ़ते स्टॉक के बीच, भारत अब अमेरिकी कृषि उत्पादों के लिए एक “व्यवहारिक विकल्प” बनता जा रहा है।
सीनेट उपसमिति के अध्यक्ष जेरी मोरन ने किसानों के लिए नए बाज़ार खोजने की आवश्यकता पर जोर दिया। ग्रीयर ने बताया कि अमेरिका दुनिया भर में नए बाज़ार खोल रहा है, जैसे दक्षिण-पूर्व एशिया और यूरोप, जिससे भारत जैसे महत्वपूर्ण साझेदारों के साथ बातचीत की ताकत बढ़ती है।
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उन्होंने यह भी संकेत दिया कि कृषि के अलावा अन्य क्षेत्रों—जैसे सिविल एविएशन पार्ट्स पर टैरिफ और मार्केट एक्सेस—को लेकर भी भारत के साथ वार्ता काफी आगे बढ़ चुकी है। मोरन ने भारत को अमेरिकी मक्का और सोया से बने एथेनॉल का संभावित बड़ा खरीदार बताया। ग्रीयर ने कहा कि कई देशों ने अमेरिकन एथेनॉल के लिए अपने बाज़ार खोले हैं, और यूरोपीय संघ आने वाले वर्षों में 750 अरब डॉलर के अमेरिकी ऊर्जा उत्पाद खरीदने पर सहमत हुआ है।
सुनवाई में अमेरिकी किसानों पर टैरिफ और चीन की नीतियों के दबाव की चिंता भी उठी। ग्रीयर ने कहा कि आक्रामक वार्ता और प्रवर्तन नीति से अमेरिकी प्रशासन दुनिया भर में नए बाज़ार खोल रहा है और टैरिफ, नियामकीय बाधाओं तथा दवाओं की FDA स्वीकृति जैसे मुद्दों पर नई प्रतिबद्धताएं हासिल कर रहा है।
उन्होंने जोर दिया कि भारत–अमेरिका व्यापार संबंध पिछले दशक में काफी विस्तारित हुए हैं, विशेषकर कृषि, डिजिटल सेवाओं, एविएशन, फार्मा और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्रों में। दोनों देश इंडो-पैसिफिक आर्थिक ढांचे के तहत आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण और आर्थिक सहयोग को तेज़ी से आगे बढ़ा रहे हैं।
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