शांति योजना के तहत अमेरिका ने यूक्रेन को 15 साल की सुरक्षा गारंटी का प्रस्ताव दिया: जेलेंस्की
यूक्रेन को शांति योजना के तहत अमेरिका ने 15 साल की सुरक्षा गारंटी का प्रस्ताव दिया है। राष्ट्रपति जेलेंस्की रूस को रोकने के लिए इसे 50 साल तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि अमेरिका ने प्रस्तावित शांति योजना के तहत यूक्रेन को 15 वर्षों की सुरक्षा गारंटी देने की पेशकश की है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रूस को भविष्य में किसी भी आक्रामक कार्रवाई से रोकने के लिए वह 50 वर्षों तक की अमेरिकी सुरक्षा प्रतिबद्धता को अधिक प्रभावी मानते हैं।
सोमवार (29 दिसंबर 2025) को जेलेंस्की ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार (28 दिसंबर) को फ्लोरिडा स्थित अपने रिसॉर्ट में उनकी मेजबानी की। इस मुलाकात के बाद ट्रंप ने दावा किया कि यूक्रेन और रूस शांति समझौते के “अब तक के सबसे करीब” हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि महीनों से चल रही अमेरिका-नेतृत्व वाली बातचीत किसी भी समय विफल हो सकती है।
वार्ता में अब भी कई अहम मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई है, जिनमें यह तय करना शामिल है कि किस क्षेत्र से किसकी सेनाएं हटेंगी और रूसी कब्जे वाले जापोरिज़िया परमाणु संयंत्र का भविष्य क्या होगा, जो दुनिया के 10 सबसे बड़े परमाणु संयंत्रों में से एक है।
और पढ़ें: यूक्रेन का बड़ा हमला: पहली बार अंडरवॉटर ड्रोन से रूसी पनडुब्बी को बनाया निशाना
जेलेंस्की ने कहा, “सुरक्षा गारंटी के बिना यह युद्ध यथार्थ रूप से समाप्त नहीं हो सकता।” उन्होंने बताया कि प्रस्तावित गारंटी में शांति समझौते की निगरानी की व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों की “उपस्थिति” शामिल है, हालांकि उन्होंने इसका विस्तृत विवरण नहीं दिया। रूस पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह यूक्रेन में नाटो देशों की सेनाओं की तैनाती स्वीकार नहीं करेगा।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ट्रंप के बीच जल्द बातचीत हो सकती है, लेकिन जेलेंस्की से किसी संवाद के संकेत नहीं हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बताया कि जनवरी की शुरुआत में पेरिस में यूक्रेन के सहयोगी देश सुरक्षा गारंटी में अपने योगदान को अंतिम रूप देने के लिए बैठक करेंगे।
जेलेंस्की ने कहा कि 20 बिंदुओं वाली शांति योजना को वह राष्ट्रीय जनमत संग्रह के जरिए यूक्रेनी जनता की मंजूरी दिलाना चाहते हैं। हालांकि, इसके लिए कम से कम 60 दिनों के संघर्षविराम की जरूरत होगी, जिस पर फिलहाल मॉस्को की सहमति नहीं दिख रही है।
और पढ़ें: आपसी राजनीतिक इच्छा हो तो मैक्रों से बातचीत को तैयार पुतिन: क्रेमलिन