भारत में मतदाता जागरूकता के लिए 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग नहीं मिली: अमेरिकी दूतावास
अमेरिकी दूतावास ने विदेश मंत्रालय को बताया कि यूएसएआईडी ने भारत में मतदाता जागरूकता के लिए 21 मिलियन डॉलर की कोई फंडिंग नहीं दी। भारत सरकार विदेशी परियोजनाओं की समीक्षा कर रही है।
अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) ने भारत में मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर की किसी भी तरह की फंडिंग मिलने से इनकार किया है। अमेरिकी दूतावास ने विदेश मंत्रालय (MEA) को यह जानकारी दी है।
28 फरवरी को विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास से आग्रह किया था कि वह पिछले दस वर्षों में भारत में यूएसएआईडी द्वारा सहायता प्राप्त या वित्तपोषित सभी परियोजनाओं पर हुए खर्च का ब्योरा तत्काल उपलब्ध कराए। मंत्रालय ने यह अनुरोध विभिन्न रिपोर्टों और आरोपों के बाद किया, जिनमें दावा किया गया था कि भारत में मतदाता उपस्थिति बढ़ाने के लिए विदेशी धनराशि दी गई थी।
अमेरिकी दूतावास के अनुसार, यूएसएआईडी की ओर से भारत में मतदाता टर्नआउट या चुनावी प्रक्रिया से जुड़ी किसी भी गतिविधि के लिए 21 मिलियन डॉलर की राशि प्रदान नहीं की गई है। दूतावास ने यह भी कहा कि सभी विकास कार्यक्रम पारदर्शी ढंग से चलाए जाते हैं और भारतीय कानूनों तथा नीतियों के अनुरूप हैं।
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सरकारी सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्रालय यूएसएआईडी और अन्य विदेशी संस्थाओं द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के वित्तीय विवरण की समीक्षा कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत के आंतरिक मामलों में किसी तरह का अनुचित हस्तक्षेप न हो।
यह कदम भारत सरकार के उस व्यापक प्रयास का हिस्सा माना जा रहा है जिसके तहत विदेश से आने वाले धन और सहायता परियोजनाओं पर निगरानी बढ़ाई जा रही है।
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