उत्तराखंड में परीक्षा पेपर लीक विवाद: धामी सरकार पर बढ़ा दबाव, प्रदर्शनकारियों ने जताया अविश्वास
उत्तराखंड में पेपर लीक कांड को लेकर धामी सरकार घिरी। प्रदर्शनकारियों ने परीक्षा प्रणाली पर अविश्वास जताया। आरोपी भाजपा से जुड़े हाकम सिंह पहले भी इसी तरह के मामले में पकड़े गए थे।
उत्तराखंड में हालिया पेपर लीक प्रकरण ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि उन्होंने अब इस परीक्षा प्रणाली से विश्वास खो दिया है। धामी सरकार की ओर से बार-बार की गई ‘नकल विरोधी अभियान’ और ‘नकल जिहाद’ जैसी बयानबाज़ी से भी आक्रोशित अभ्यर्थियों का गुस्सा कम नहीं हो रहा।
मामला उस समय और गंभीर हो गया जब परीक्षा से ठीक एक दिन पहले ही इस पेपर लीक मामले में आरोपी हाकम सिंह, जो पूर्व भाजपा नेता रहे हैं, को गिरफ्तार किया गया। हाकम सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अभ्यर्थियों से परीक्षा पास कराने के लिए 15 लाख रुपये तक की मांग की थी। यह खुलासा इस ओर संकेत करता है कि पेपर लीक की जड़ें केवल प्रशासनिक लापरवाही तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें राजनीतिक संबंध भी शामिल हो सकते हैं।
अभ्यर्थियों का कहना है कि यह मामला उनकी मेहनत और भविष्य के साथ खिलवाड़ है। कई छात्र संगठनों ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की और आरोप लगाया कि धामी सरकार पारदर्शी परीक्षा प्रक्रिया सुनिश्चित करने में विफल रही है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि पेपर लीक जैसी घटनाएं न केवल युवाओं के भविष्य को अंधकारमय करती हैं बल्कि राज्य की साख पर भी सवाल उठाती हैं। इसके चलते सरकार को न केवल कठोर कदम उठाने होंगे बल्कि दोषियों को कड़ी सज़ा भी देनी होगी।
हालांकि, धामी सरकार बार-बार सख्त कार्रवाई का आश्वासन दे रही है, लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब केवल आश्वासनों से काम नहीं चलेगा। उन्हें ठोस परिणाम चाहिए, तभी वे दोबारा परीक्षा प्रणाली पर भरोसा करेंगे।
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