करूर हादसा: विजय के वाहन में रुके रहने से बढ़ी भीड़, मचा भगदड़
करूर रैली में विजय के लंबे समय तक वाहन में रहने से भीड़ बेकाबू हुई। भगदड़ में 41 लोगों की मौत हुई, सरकार ने जांच आयोग व मुआवजा घोषित किया।
अभिनेता-राजनेता विजय के नेतृत्व वाले तमिलगा वेत्त्री कझगम (TVK) की करूर रैली में 27 सितम्बर को हुई भगदड़ पर दर्ज एफआईआर में चौंकाने वाले विवरण सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार विजय अपने प्रचार वाहन में लंबे समय तक बैठे रहे, जिससे मंच स्थल वेलुसामिपुरम में भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई। इस घटना में अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 60 से अधिक घायल हुए हैं।
पुलिस ने विजय पर कोई मामला दर्ज नहीं किया है, लेकिन तीन पार्टी पदाधिकारियों—करूर उत्तर जिला सचिव मथियाझगन, राज्य महासचिव बुसी आनंद और उप महासचिव निर्मल कुमार—के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन पर भारतीय न्याय संहिता की धाराएं 105, 110, 125 और 223 तथा तमिलनाडु पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट, 1992 की धारा 3 लगाई गई है।
एफआईआर के अनुसार, संकरे स्थल पर भीड़ विजय को देखने के लिए आगे बढ़ी। लोग शेड और पेड़ों पर चढ़ गए, जो टूटकर नीचे गिरे और इससे भगदड़ तेज हो गई। कई लोगों की मौत दम घुटने और दबने से हुई। स्थिति संभालने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
घटना के बाद विजय को अस्पताल जाने से रोक दिया गया ताकि और भीड़ न उमड़े। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपये की मदद और न्यायिक जांच का ऐलान किया है। जांच आयोग की अध्यक्षता सेवानिवृत्त जस्टिस अरुणा जगदीशन कर रही हैं।
इस बीच, पूर्व राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन ने कहा कि जांच निष्पक्ष नहीं होगी क्योंकि पुलिस की खुफिया विफलता की अनदेखी की जा रही है। वहीं, वी.के. शशिकला ने केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग की।
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