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व्हाइट हाउस ट्रेड सलाहकार ने यूक्रेन-रूस संघर्ष के लिए भारत को ठहराया दोषी

व्हाइट हाउस के ट्रेड सलाहकार पीटर नोवारो ने भारत पर आरोप लगाया कि उसके तेल आयात ने यूक्रेन-रूस युद्ध में अमेरिका और यूरोप के समर्थन को बढ़ावा दिया।

व्हाइट हाउस के ट्रेड सलाहकार पीटर नोवारो ने हाल ही में ब्लूमबर्ग के साथ एक साक्षात्कार में भारत को यूक्रेन-रूस संघर्ष का एक अप्रत्यक्ष कारण बताया। नोवारो के अनुसार, भारत द्वारा रूस से तेल की खरीद ने अमेरिका और यूरोप को यूक्रेन को रूस की आक्रामकता के खिलाफ वित्तीय और सामरिक समर्थन देने के लिए प्रेरित किया।

नोवारो ने कहा कि भारत ने रूस से सस्ते तेल का आयात जारी रखते हुए वैश्विक ऊर्जा बाजार में अस्थिरता पैदा की। उनका कहना था कि इस कदम से पश्चिमी देशों को यूक्रेन की मदद में अधिक निवेश करना पड़ा, क्योंकि रूस के आर्थिक दबाव के बावजूद भारत ने उसकी आर्थिक मदद करना जारी रखा।

विशेषज्ञों का कहना है कि नोवारो की टिप्पणी अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भारत की भूमिका और उसकी ऊर्जा नीतियों को लेकर विवाद उत्पन्न कर सकती है। भारत ने हमेशा से अपनी विदेश नीति में सामरिक संतुलन बनाए रखने की नीति अपनाई है और ऊर्जा सुरक्षा के लिए विविध स्रोतों से तेल खरीदता रहा है।

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भारत के विदेश मंत्रालय ने फिलहाल इस टिप्पणी पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पहले भी भारत ने यह स्पष्ट किया है कि वह किसी युद्ध या संघर्ष में सीधे हस्तक्षेप नहीं करता है और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करता है।

इस साक्षात्कार ने यह दिखाया कि वैश्विक राजनीति और ऊर्जा सुरक्षा मुद्दे आपस में कैसे जुड़े हुए हैं। नोवारो की टिप्पणी से यह भी स्पष्ट हुआ कि अमेरिका और यूरोप की रणनीतियों में भारत के आर्थिक निर्णयों का भी प्रभाव पड़ता है।

इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की रूस से तेल खरीद उसकी राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा का हिस्सा है, जबकि पश्चिमी देशों के दृष्टिकोण से इसे विवादास्पद माना जा सकता है।

 

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