कौन थे शरीफ उस्मान हादी: कट्टर संगठन के नेता, जिनकी मौत से ढाका में भड़के विरोध-प्रदर्शन
कट्टर संगठन इंकलाब मंच के नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद ढाका में हिंसा और विरोध-प्रदर्शन भड़क उठे। सरकार ने शांति की अपील और विशेष प्रार्थनाओं की घोषणा की।
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन और हिंसा देखने को मिली। हादी, कट्टरपंथी संगठन ‘इंकलाब मंच’ के प्रमुख नेता थे और जुलाई–अगस्त 2024 में हुए जनविद्रोह के दौरान एक प्रभावशाली चेहरा बनकर उभरे थे। इसी आंदोलन के परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा था।
गुरुवार रात, 18 दिसंबर 2025 को जैसे ही हादी की मौत की खबर पूरे बांग्लादेश में फैली, ढाका के कई इलाकों में तनाव फैल गया। हजारों समर्थक सड़कों पर उतर आए और विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए, जो जल्द ही हिंसा में बदल गए। हादी को 12 दिसंबर को ढाका में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
शरीफ उस्मान हादी और उनका संगठन ‘इंकलाब मंच’ 2024 के आंदोलन के दौरान युवाओं और छात्रों के बीच खासा प्रभाव रखते थे। हादी को कट्टर विचारधारा का समर्थक माना जाता था और वे मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था के खिलाफ खुलकर आवाज उठाते थे। उनके समर्थक उन्हें “क्रांति की आवाज” बताते हैं, जबकि आलोचक उन्हें उग्र राजनीति का प्रतीक मानते हैं।
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हादी की मौत की घोषणा करते हुए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने कहा कि 19 दिसंबर 2025 को देशभर के सभी धार्मिक स्थलों पर विशेष प्रार्थनाएं आयोजित की जाएंगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और भरोसा दिलाया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।
हादी की मौत ने बांग्लादेश की राजनीति में एक बार फिर उथल-पुथल मचा दी है। जहां एक ओर उनके समर्थक न्याय की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार के सामने कानून-व्यवस्था बनाए रखने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
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